इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था. पुनर्गठन योजना की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा. बाकी अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हर निवेशक पर तीन साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक रहेगी. एसबीआई के मामले में वह अपनी हिस्सेदारी को तीन साल तक 26 फीसदी से कम नहीं कर सकेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि यस बैंक की अधिकृत पूंजी 1,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,200 करोड़ रुपये हो जाएगी. इस पुनर्गठन योजना को खाताधारकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है. यह यस बैंक और साथ-साथ पूरी वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करेगा. पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किए जाने के तीन दिन के भीतर यस बैंक पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा. साथ ही, इस अधिसूचना के सात दिन के भीतर निदेशक मंडल का गठन कर लिया जाएगा. गुरुवार को एसबीआई ने यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करने की मंजूरी दी थी. यह उसकी शुरुआती 2,450 करोड़ रुपये निवेश की योजना से बहुत अधिक है.
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