सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय बीमा कानून, 1938 की व्यापक समीक्षा कर रहा है और क्षेत्र की वृद्धि के लिए कुछ उचित बदलाव करना चाहता है. उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है. सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय बीमा कारोबार शुरू करने के लिए न्यूनतम पूंजी की जरूरत को 100 करोड़ रुपये से घटाना चाहता है. न्यूनतम पूंजी की जरूरत को कम करने पर बैंकिंग क्षेत्र की तरह विभिन्न प्रकार की कंपनियां बीमा कारोबार में उतर सकेंगी.
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सूत्रों ने कहा कि इस प्रावधान को नरम करने से सूक्ष्म बीमा, कृषि बीमा और क्षेत्रीय रुझान वाली बीमा कंपनियां भी बीमा कारोबार में उतर सकेंगी. सूत्रों ने बताया कि नये खिलाड़ियों के प्रवेश से न केवल बीमा की पहुंच बढ़ेगी बल्कि इससे रोजगार भी मिलेगा. सरकार ने पिछले साल बीमा कानून में संशोधन करते हुए बीमा कंपनी में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया है. इसके अलावा संसद ने साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकृत) संशोधन विधेयक, 2021 पारित किया है. इससे सरकार किसी बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर इक्विटी पूंजी के 51 प्रतिशत से नीचे ला सकती है. इससे निजीकरण का रास्ता खुलेगा.
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