इस देश के लोग सरकार को दे देते है अपनी आधी सैलरी, फिर भी है रहते है सबसे खुशहाल, जानिए कौन सा देश है ये

Tax In Government Pocket: टैक्स का सीजन चल रहा है और हर कोई सरकार को टैक्स देने में परेशान है. लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश है जो सरकार को खूब पैसा देता है, अपनी सैलरी का आधा हिस्सा सरकार को दे देता है. इसके बावजूद यहां के लोग सरकार से परेशान नहीं बल्कि सबसे खुश रहने वाले लोग है.

By Shailly Arya | June 25, 2025 2:03 PM
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Tax In Government Pocket: क्या आप सोच सकते हैं कि कोई देश ऐसा भी हो सकता है जहां के लोग अपनी कमाई का आधे से भी ज्यादा हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को दे दें और फिर भी दुनिया के सबसे खुशहाल नागरिक कहलाएं? सुनने में आपको अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच्चाई है. फिनलैंड एक ऐसा देश है, जिसने दुनिया को दिखा दिया है कि टैक्स सिर्फ सरकार की जेब भरने का जरिया नहीं, बल्कि खुशहाल जिंदगी की चाबी भी हो सकता है.

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 में फिनलैंड ने लगातार आठवीं बार पहला स्थान हासिल किया था. यहां की व्यक्तिगत आयकर दर 56.95% है यानी हर 100 रुपये कमाने पर करीब 57 रुपये सरकार को दे दिए जाते हैं. लेकिन इस टैक्स के बदले जो सुविधाएं मिलती हैं, वे इस त्याग को बहुत छोटा बना देती हैं.

सरकार टैक्स से जुटाई गई रकम का क्या करती है?

फिनलैंड की सरकार टैक्स से जुटाई गई रकम को सीधे नागरिकों की भलाई में लगाती है. यहां स्वास्थ्य सेवाएं लगभग मुफ्त हैं, स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई के लिए फीस नहीं देनी पड़ती, बेरोजगारों को भत्ता दिया जाता है और बुजुर्गों को पेंशन.

फिनलैंड का वर्क-लाइफ बैलेंस

फिनलैंड के नागरिकों की मासिक औसत आय टैक्स के बाद भी ₹2.36 लाख है. वहीं खर्च करीब ₹1.31 लाख होता है, जिससे न सिर्फ आरामदायक जीवन मिलता है, बल्कि बचत भी अच्छी खासी हो जाती है. इसके अलावा यहां का वर्क-लाइफ बैलेंस काफी बेहतरीन है सप्ताह में 5 दिन काम, साल में 24 से 30 दिन की छुट्टियां.

भारत की स्थिति

अगर भारत से तुलना करें, तो यहां की अधिकतम टैक्स दर 42.74% है, लेकिन औसत सैलरी सिर्फ ₹54,000 प्रति माह है. जीवन यापन भले ही सस्ता है, लेकिन सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सरकारी सहयोग फिनलैंड की तुलना में काफी कमज़ोर हैं. यही कारण है कि भारत हैप्पीनेस इंडेक्स 2025 में 118वें स्थान पर है.

फिनलैंड के लोग टैक्स को बोझ नहीं समझते है, निवेश मानते है. यहां नागरिक जानते हैं कि उनका पैसा उनके ही बेहतर भविष्य में लगाया जा रहा है. इसीलिए वे खुशी-खुशी टैक्स देते हैं और बदले में उन्हें सुरक्षा, सम्मान और सुकून भरी जिंदगी मिलती है.

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