फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य समकक्षों की तुलना में मजबूत वृद्धि परिदृश्य और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शाती है, जिसने भारत को पिछले वर्ष में बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद की है. एजेंसी ने अगस्त 2006 से भारत की रेटिंग को ‘बीबीबी-’ पर रखा है, जो सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग है.
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अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां विभिन्न देशों की सरकारों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर ‘सॉवरेन रेटिंग’ तय करती हैं. इसके लिए वह अर्थव्यवस्था, बाजार और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं. रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं? आमतौर पर पूरी दुनिया में स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी), फिच और मूडीज इन्वेस्टर्स ही सॉवरेन रेटिंग तय करती हैं.
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