जानकारी के मुताबिक, दिसंबर माह में अभी तक कुल शुद्ध निवेश 60 हजार 94 करोड़ रुपये का रहा है. मालूम हो कि नवंबर माह में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में 62951 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
निवेशकों ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी रुचि दिखायी है. न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्रवाह अप्रैल 2000 से सितंबर के दौरान 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में देश में 500.12 अरब डॉलर का एफडीआई आया है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सीआईआई के ‘पार्टनरशिप समिट 2020′ में कहा था कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहा है. इस साल के पहले नौ महीनों में कोविड-19 महामारी के बाजवूद हमारा एफडीआई बढ़ा है. आज हमारी एफडीआई नीति दुनिया में सबसे सुविधाजनक और अनुकूल नीतियों में एक है.
गोयल के मुताबिक, सभी क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के जरिये 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी है. दूरसंचार, मीडिया, दवा और बीमा जैसे कुछ क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों को निवेश के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी है. वहीं, नौ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां एफडीआई प्रतिबंधित है. ये क्षेत्र हैं- लॉटरी व्यवसाय, जुआ और सट्टेबाजी, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट और तंबाकू-सिगरेट का कारोबार.
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