FSDC Meeting: 10 जून को इकोनॉमिक रिव्यू करेंगी निर्मला सीतारमण, आरबीआई गवर्नर रहेंगे मौजूद

FSDC Meeting: 10 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में मुंबई में एफएसडीसी की 29वीं बैठक होगी, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. इस बैठक में आरबीआई गवर्नर, सेबी, आईबीबीआई और अन्य प्रमुख वित्तीय संस्थानों के प्रमुख शामिल होंगे. बैठक में डिजिटल धोखाधड़ी, वित्तीय स्थिरता, समावेशी आर्थिक विकास और पहले से स्वीकृत नीतिगत उपायों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. हाल ही में घोषित आरबीआई के रिकॉर्ड लाभांश पर भी चर्चा संभव है.

By KumarVishwat Sen | June 4, 2025 9:21 PM
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FSDC Meeting: वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC) की 29वीं बैठक की अध्यक्षता 10 जून को मुंबई में आयोजित होने जा रही है. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी. यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. हाल ही में भारत की वृद्धि दर 6.5% दर्ज की गई है, जो पिछले चार वर्षों की सबसे धीमी दर है.

आरबीआई गवर्नर समेत कई बड़े अधिकारी होंगे शामिल

इस अहम बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा, सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय, आईबीबीआई चेयरमैन रवि मित्तल और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के चेयरपर्सन के राजारमण भी भाग लेंगे. इसके अलावा, वित्त राज्यमंत्री, वित्त सचिव, व्यय सचिव, राजस्व सचिव और वित्तीय सेवा सचिव जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.

आर्थिक समीक्षा और वित्तीय स्थिरता

बैठक में वर्तमान वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति, वित्तीय स्थिरता, और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के उपायों पर विशेष रूप से चर्चा होगी. डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं और वित्त मंत्री इसके समाधान के लिए नियामकों से चर्चा कर सकती हैं.

विकास योजनाओं की प्रगति पर नजर

वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3,900 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इसी संदर्भ में बैठक में समावेशी आर्थिक वृद्धि, विकास योजनाओं की प्रगति और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी.

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आरबीआई का रिकॉर्ड लाभांश भी रहेगा केंद्र में

हाल ही में आरबीआई की ओर से घोषित 2.7 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश और इसके संभावित आर्थिक प्रभाव भी चर्चा के केंद्र में रह सकते हैं. यह लाभांश पिछले वर्ष की तुलना में 27.4% अधिक है, जो केंद्र सरकार के लिए राजकोषीय मजबूती का संकेत है.

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