Gold-Silver Price: वैलेंटाइन वीक से पहले सोने-चांदी ने खाया भाव, जानें पूरे हफ्ते के सर्राफा बाजार का हाल
Gold-Silver Price: जनवरी में करीब आधा महीना सुस्त रहने के बाद सोने की कीमतों में हल्की तेजी देखने को मिली थी. अब फरवरी से पहले सप्ताह से ही, कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.
By Madhuresh Narayan | February 4, 2024 10:56 AM
Gold-Silver Price: एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने (अप्रैल-दिसंबर) तक में 26.7 प्रतिशत तक बढ़कर 35.95 अरब डॉलर हो गया है. इस बीच सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव जारी रहा है. जनवरी में करीब आधा महीना सुस्त रहने के बाद सोने की कीमतों में हल्की तेजी देखने को मिली थी. अब फरवरी से पहले सप्ताह से ही, कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. फरवरी में वैलेंटाइन डे के मौके पर बड़ी संख्या में कपल्स सोने की खरीद करते हैं. इसका असर ग्राहकों पर पड़ रहा है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी आईबीजीए (IBJA) के मुताबिक, पिछले सप्ताह के पहले कारोबारी दिन 29 जनवरी को दस ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 62,515 रुपये थी, जो सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी दो फरवरी को 63,142 रुपये पर पहुंच गयी. इस दौरान 999 शुद्धता वाली एक किलो चांदी की कीमत 71,371 से बढ़कर 71,864 रुपये हो गयी है.
खरमास खत्म होने के बाद भारत में शादियों का मौसम शुरू हो गया है. जो अब लगभग जुलाई तक जारी रहेगा. ऐसे में सोने की कीमत के साथ मांग में भी वृद्धि हुई है. सोना-चांदी व्यापारी संघ के सदस्य रवि सर्राफ बताते हैं कि जिनके घरों में मार्च से लेकर जून-जुलाई तक में शादियां होनी है, वो सोने-चांदी की खरीदारी कर रहे हैं. इसके साथ, गिफ्ट के लिए हल्के आइटम की डिमांड भी बढ़ी है. लोग हल्के में बेहतर डिजाइन की डिमांड कर रहे हैं. भारत में स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जहां से आयात की हिस्सेदारी लगभग 41 प्रतिशत है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (लगभग 13 प्रतिशत) और दक्षिण अफ्रीका (लगभग 10 प्रतिशत) का स्थान है. देश के कुल आयात में इस कीमती धातु की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक की है. फिलहाल सोने पर 15 प्रतिशत का आयात शुल्क लगता है. सोने के आयात में वृद्धि के बावजूद देश का व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) इस वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में अप्रैल-दिसंबर, 2022 के 212.34 अरब डॉलर के मुकाबले घटकर 188.02 अरब डॉलर रह गया.
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