बिजली चालित वाहनों पर 5 फीसदी जीएसटी की मांग
समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, उद्योग संगठन सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हिकल्स (एसएमईवी) ने बजट से पहले की सिफारिशों में बिजली से चलने वाले वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की. एसएमईवी ने एक बयान में कहा कि फेम-दो की वैधता 31 मार्च 2024 को समाप्त हो जाएगी. फेम की वैधता का विस्तार करने की जरूरत है. संगठन ने कहा कि वाहनों के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की जितनी पैठ बननी चाहिए थी, उतनी अभी नहीं बन पाई. सब्सिडी इसे गति देने के लिए है.
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20 फीसदी पहुंच के बाद हटाई जा सकती है सब्सिडी
संगठन ने कहा कि बाजार के रूझान बताते हैं कि ई-वाहन खासकर इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों में कुल दोपहिया बाजार के 20 फीसदी तक पहुंचने के बाद भी बढ़ने की क्षमता है. उसने कहा कि इसके बाद सब्सिडी हटाई जा सकती है. उद्योग संगठन ने हल्के, मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों को भी परियोजना के आधार पर योजना में शामिल करने का सुझाव दिया है और कहा है कि भारत को आने वाले तीन से चार वर्षों में ट्रकों और भारी वाणिज्यिक वाहनों में भी ई-वाहनों को अपनाने के लिए तैयार रहना होगा. इसके अलावा, एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी जीएसटी लगाने का भी अनुरोध किया.
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