प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबरॉय ने कहा कि जनता के साथ-साथ जीएसटी परिषद के सदस्य भी चाहते हैं कि 28 प्रतिशत कर की दर कम हो. लेकिन कोई भी नहीं चाहता कि शून्य और तीन प्रतिशत कर की दरें बढ़ें. उन्होंने ‘मजबूत और आत्मनिर्भर भारत पर विशेष सत्र’ में कहा कि इस तरह, हमारे पास कभी भी सरलीकृत जीएसटी नहीं होगा. देबरॉय ने कहा कि जीएसटी प्रावधानों का ‘बहुत दुरुपयोग’ हो रहा है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया.
क्या है जीएसटी टैक्स
जीएसटी (Goods and Services Tax, GST) एक सामान्य परिकर या कर है जो भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है. यह कर भारत में बिक्री, वितरण और सेवाओं पर लागू किया जाता है और पूरे देश में एक ही अद्यतन किए गए कर प्रणाली को प्राथमिकता देता है. GST का मुख्य उद्देश्य भारत में अलग-अलग स्तरों पर लागू होने वाले करों को एक ही सामान्य कर सिस्टम में एकीकृत करना है. इससे कई प्रकार के करों के समापन से कारोबार परियोजना में आसानी हो जाती है और देशीय विकास को बढ़ावा मिलता है.
तीन भागों में बंटा है GST
केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी टैक्स को मुख्य रुप से तीन श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें से एक है, सीजीएसटी (Central Goods and Services Tax, CGST) यह कर केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है और यह बिक्री और सेवाओं पर लागू होता है जो केंद्र सरकार के क्षेत्र में होती हैं. वहीं, दूसरा है सीजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, SGST), यह कर राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है और यह बिक्री और सेवाओं पर लागू होता है जो राज्य सरकार के क्षेत्र में होती हैं. आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, IGST) यह कर राज्यों के बीच विक्रय और सेवाओं पर लागू होता है जब कोई सामान या सेवा एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रेषित होती है. GST के अंतर्गत, उत्पादों और सेवाओं के लिए एक ही सामान कर दरें निर्धारित की गई हैं, जो कि विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के प्रकारों के आधार पर विभाजित होती हैं. इससे सामान और सेवाओं पर कर लेने का प्रक्रियात्मक और आसान तरीका बनता है. कृपया ध्यान दें कि GST की नीतियों और कर दरों में बदलाव समय-समय पर हो सकते हैं, इसलिए आपको स्थानीय अधिकारियों से सही और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.
(भाषा इनपुट के साथ)
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