म्यूचुअल फंड की कमाई में ऐसे लगता है टैक्स
म्यूचुअल फंड से अर्जित लाभ पर टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है. इसमें पहला यह है कि आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड में या डेट म्यूचुअल फंड में निवेश किया है? दूसरा यह कि आपकी होल्डिंग अवधि कितनी रही है? आइए विस्तार से समझते हैं कि एसआई से 1 करोड़ रुपये की निकासी पर कितना टैक्स लगेगा और आप इसे कम करने के लिए क्या रणनीति अपना सकते हैं?
इक्विटी म्यूचुअल फंड पर टैक्सेशन
यदि म्यूचुअल फंड में 65% या अधिक निवेश इक्विटी में है.
- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG): यदि निवेश अवधि 1 वर्ष या उससे कम हो, तो इस स्थिति में आपको लाभ पर 15% टैक्स लगेगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 1 करोड़ रुपये निकाला और इसमें 50 लाख रुपये का लाभ है, तो आपको 7.5 लाख रुपये (50 लाख रुपये × 15%) टैक्स देना होगा.
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG): यदि निवेश अवधि 1 वर्ष से अधिक हो, तो पहले 1 लाख रुपये का लाभ टैक्स-फ्री होता है. उसके बाद, बचे हुए लाभ पर 10% टैक्स लगाया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि आपने 50 लाख रुपये का लाभ कमाया, तो 1 लाख रुपया टैक्स-फ्री होगा और 49 लाख रुपये पर 10% यानी 4.9 लाख रुपये का टैक्स देना होगा.
डेट म्यूचुअल फंड पर टैक्सेशन
यदि म्यूचुअल फंड में 65% से कम निवेश इक्विटी में है.
- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG): यदि निवेश अवधि 3 वर्ष या उससे कम हो, तो इस स्थिति में आपका लाभ आपकी कुल आय में जुड़ जाएगा और आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा. यदि आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आपको 30% टैक्स देना होगा. उदाहरण के लिए यदि आपका लाभ 30 लाख रुपये का है, तो टैक्स 9 लाख रुपये (30 लाख रुपये × 30%) होगा.
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG): यदि निवेश अवधि 3 वर्ष से अधिक हो, तो 1 अप्रैल 2023 से डेट फंड पर भी शॉर्ट-टर्म जैसा टैक्स लगेगा यानी लाभ को आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा और आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लिया जाएगा.
हाइब्रिड (Balanced) फंड पर टैक्सेशन
यदि फंड में 65% से अधिक इक्विटी है, तो इस पर इक्विटी म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स लगेगा. वहीं, यदि 65% से कम इक्विटी है, तो इस पर डेट फंड की तरह टैक्स लगेगा.
ऐसे बचाएं टैक्स
अगर आप टैक्स कम करना चाहते हैं, तो कुछ स्मार्ट रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं. इसमें आपको SWP (सिस्टमैटिक विड्रावल प्लान) अपनाना होगा. इसके जरिए आप एक बार में पूरी निकासी करने की बजाय हर साल धीरे-धीरे निकालें, ताकि आप LTCG छूट (1 लाख तक टैक्स-फ्री) का फायदा ले सकें.
दूसरा, आपको स्टैगर्ड विड्रावल करना होगा. यदि आपका लाभ बहुत अधिक है, तो एक ही वित्तीय वर्ष में सब कुछ निकालने की बजाय कई वर्षों में थोड़ा-थोड़ा निकालें, ताकि आप निचले टैक्स स्लैब में रहें.
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तीसरा, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) या अन्य फैमिली मेंबर के नाम निवेश करें. यदि आपके परिवार में कोई ऐसा सदस्य है जिसकी टैक्सेबल इनकम कम है, तो उनके नाम से निवेश करें और कम टैक्स दर पर निकासी करें.
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