Share Market Tips: महाभारत के चार किरदार, जो बताएंगे शेयर बाजार में जिंदा कैसे रहना है

Share Market Tips: महाभारत के पात्रों से निवेशक जोखिम प्रबंधन, भावनात्मक नियंत्रण, सही सलाह और पोर्टफोलियो संतुलन जैसी महत्वपूर्ण बातें सीख सकते हैं. युधिष्ठिर, धृतराष्ट्र, शकुनि और कौरवों की गलतियों से सबक लेकर समझदारी से निवेश करना ही सफलता की कुंजी है.

By Abhishek Pandey | April 13, 2025 7:45 AM
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Share Market Tips: शेयर बाजार में निवेश करना एक युद्ध से कम नहीं. यहां भी जीत उन्हीं की होती है जो धैर्य, रणनीति और विवेक के साथ आगे बढ़ते हैं. ठीक वैसे ही जैसे महाभारत में कई पात्रों की जीत-हार से हमें जीवन की सीख मिलती है, वैसे ही ये कहानियां निवेश की दुनिया में भी काफी प्रासंगिक हैं. आइए जानते हैं कि महाभारत से निवेशकों को क्या सीखना चाहिए.

युधिष्ठिर से सीखें: सारी पूंजी एक ही दांव पर न लगाएं

महाभारत में युधिष्ठिर ने जुए की बाज़ी में एक के बाद एक सब कुछ हार दिया—राज्य, भाई, और यहां तक कि खुद को भी. शेयर बाजार में कभी भी एक ही दांव में पूरी पूंजी न लगाएं. निवेश में रिस्क मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें और हमेशा एक बैकअप रणनीति रखें. अगर आप सारे पैसे एक ही स्टॉक या सेक्टर में लगा देंगे, तो नुकसान की स्थिति में वापसी मुश्किल हो सकती है.

धृतराष्ट्र से सीखें: शेयर से अंधा मोह मत पालिए

धृतराष्ट्र को अपने बेटे दुर्योधन से इतना मोह था कि वो उसकी गलतियों को भी नज़रअंदाज़ करते रहे, जिसका नतीजा महायुद्ध में तबाही के रूप में सामने आया. अगर कोई स्टॉक लगातार गिर रहा है और उसके फंडामेंटल खराब हो चुके हैं, तो सिर्फ “पुरानी भावनाओं” के आधार पर उसमें बने रहना नुकसानदायक हो सकता है. समय पर कट-लॉस लगाना और बाहर निकलना एक समझदार निवेशक की पहचान है.

शकुनि जैसे सलाहकारों से रहें दूर

शकुनि की चालबाज़ियों ने कौरवों को विनाश की राह पर धकेल दिया. कई निवेशक भी ऐसे ‘शकुनि सलाहकारों’ के चक्कर में फंस जाते हैं, जो बिना आधार के बड़ी कमाई का लालच देते हैं. आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से फैलती टिप्स या अनजाने “एक्सपर्ट्स” की सलाह पर भरोसा न करें. केवल SEBI-registered या प्रमाणित निवेश सलाहकारों की ही राय लें. हर निवेश का स्वयं विश्लेषण करें और आंख मूंदकर किसी की बात पर न चलें.

कौरवों जैसी भारी-भरकम होल्डिंग न बनाएं

कौरवों की सेना संख्या में भले ही ज्यादा थी, लेकिन रणनीति और आत्मविश्वास में वह कमजोर साबित हुई.अपने पोर्टफोलियो में जरूरत से ज्यादा स्टॉक्स न भरें. ज्यादा स्टॉक्स होने से फोकस और ट्रैकिंग दोनों कमजोर हो जाती है. कोशिश करें कि आपका पोर्टफोलियो गुणवत्ता पर आधारित हो, मात्रा पर नहीं. कम लेकिन मजबूत कंपनियों में निवेश करना अधिक लाभकारी होता है.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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