बोफा सिक्युरिटीज ने अडाणी समूह की 5जी नीलामी में बोली लगाने की योजना को लेकर एक बयान में कहा, हम मौजूदा दूरसंचार कंपनियों के लिए इस समाचार को नकारात्मक मान रहे हैं. इससे आगामी नीलामी के साथ-साथ लंबी अवधि में क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. वहीं, ब्रोकरेज कंपनी सीएलसी ने हैरानी जतायी है कि अडाणी समूह सीधे स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रतीक्षा किये बिना नीलामी में बोली क्यों लगाएगा.
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सीएलसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, अडाणी समूह के नीलामी में बोली लगाने से स्पेक्ट्रम के मूल्य को लेकर अनिश्चितता पैदा होगी. यह प्रतिस्पर्धा पहले प्रमुख तौर पर भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच मानी जा रही थी. इसके अलावा क्रेडिट सुइस ने भी अडाणी समूह के 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की योजना पर भी सवाल उठाया.
क्रेडिट सुइस ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही निजी उद्यमों को बिना किसी लाइसेंस शुल्क के बेहतर कम लागत पर स्पेक्ट्रम प्राप्त करके खुद के इस्तेमाल के लिए गैर-सार्वजनिक नेटवर्क स्थापित करने की अनुमति दे दी है, ऐसे में अडाणी समूह के स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के पीछे कोई तार्किक कारण नजर नहीं आता.
गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि यदि अडाणी समूह आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदने में सफल रहता है, तो इससे उपक्रम 5जी में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. साथ ही आगे चलकर समूह के उपभोक्ता मोबाइल सेवा कारोबार में उतरने का रास्ता खुल जाएगा.
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