नयी टैक्स रिजीम होगी डिफॉल्ट
अगर अभी भी आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न पूरे टैक्स रिजीम में फाइल करते हैं तो रिटर्न फाइल करते समय आपको सावधानी रखने की जरुरत है. अब हर साल आपको अपना टैक्स रिजीम खुद चुनना होगा. नहीं तो ये खुद से नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएगा.
मिलेगा स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ
अगर आप न्यू टैक्स रिजीम में मूव करते हैं तो भी आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा. इसका अर्थ है कि आपको 50 हजार की छूट मिलेगी. ऐसा करने से आपकी आय 7.5 लाख तक टैक्स फ्री हो जाएगी.
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टैक्स छूट की सीमा भी बदली
न्यू टैक्स रिजीम में अब टैक्स छूट की सीमा बढ़ गयी है. आय करदाता की 2.5 लाख की जगह तीन लाख तक की संपत्ति टैक्स फ्री होगी. आयकर की धारा 87A के तहत मिलने वाली छूट को पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है. हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में अभी भी Nil Tax Limit 2.5 लाक और टैक्स छूट 5 लाख तक है.
फॉर्म में हुआ बदलाव
आयकर विभाग के द्वारा दो फॉर्म जारी किया जाता है. ITR-1 को सहज और ITR-4 को सुगम नाम से जाना जाता है. इसमें भी थोड़ा बदलाव किया गया है. अब रिटर्न फाइल करने वाले को अकाउंट टाइप के साथ पिछले साल के अपने सभी बैंक अकाउंट्स का खुलासा करना होगा. नये सिस्टम को डिफॉल्ट बना दिया गया है. ITR-4 के टैक्स पेयर्स को नये सिस्टम से बाहर निकलने के लिए फॉर्म 10-IEA दाखिल करना होगा.
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