Inflation : महंगाई दर के असर से चिंतित है सरकार और RBI
Inflation : सत्र के प्रश्नोत्तर भाग मे, लोकसभा सांसद यशवंत देसाई ने वित्त मंत्री से देश की अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति के प्रभाव के बारे में पूछा. सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा उच्च मुद्रास्फीति दर देश की वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है.
By Pranav P | July 30, 2024 6:23 PM
Inflation : सरकार और RBI ने बढते इनफ्लेशन, खासकर खाद्य उद्योग के ऊपर चिंता जताई है. 29 जुलाई को संसद सत्र में, सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा उच्च मुद्रास्फीति दर देश की वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है. इससे उधार लेने की लागत बढ़ सकती है, ऋण विस्तार में कमी आ सकती है, निर्यात की कीमतें बढ़ सकती हैं और बड़ी आबादी की क्रय शक्ति कम हो सकती है. वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में उठाए गए सवालों के जवाब में इन चिंताओं से अवगत कराया.
हर जगह देखने को मिलेगा Inflation का असर
सत्र के प्रश्नोत्तर भाग मे, लोकसभा सांसद यशवंत देसाई ने वित्त मंत्री से देश की अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति के प्रभाव के बारे में पूछा. उन्होंने मुद्रास्फीति के वास्तविक प्रभाव और पिछले पांच वर्षों में मुद्रास्फीति (inflation) दरों के बारे में जानकारी मांगी, साथ ही इसे प्रबंधित करने और कम करने के लिए सरकार की रणनीतियों के बारे में भी पूछा. जवाब में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुद्रास्फीति के बढ़े हुए स्तर से उपभोक्ता खर्च, ऋण उपलब्धता, निर्यात प्रतिस्पर्धा और व्यक्तियों की समग्र क्रय शक्ति जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
वित्त मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाकर, उन्हें कम कीमतों पर बेचकर और आयात प्रक्रिया को सरल बनाकर मुद्रास्फीति से निपटने के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्टॉक सीमा निर्धारित करने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने जैसे उपायों को लागू किया गया है. सरकार ने महंगाई को काबू में करने के लिए पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में भी कमी की है. मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में मुद्रास्फीति (inflation) की दर 4.8% से 6.7% के बीच ऊपर-नीचे होती रही है.
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