जनवरी में कच्चे तेल का आयात बढ़ा
व्यापार घाटे में पिछला निचला स्तर अप्रैल, 2023 में 15.24 अरब डॉलर दर्ज किया गया था. एक साल पहले जनवरी, 2023 में यह 17.03 अरब डॉलर रहा था. जनवरी में कच्चे तेल का आयात 4.33 प्रतिशत बढ़कर लगभग 16.56 अरब डॉलर हो गया. वहीं सोने का आयात लगभग 174 प्रतिशत उछलकर 1.9 अरब डॉलर हो गया. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में कुल निर्यात 4.89 प्रतिशत घटकर 353.92 अरब डॉलर रह गया. इस दौरान आयात 6.71 प्रतिशत घटकर 561.12 अरब डॉलर हो गया. इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में 207.2 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ जबकि अप्रैल-जनवरी, 2022-23 में यह 229.37 अरब डॉलर रहा था.
उत्पाद निर्यात में हुई सकारात्मक वृद्धि
पिछले 10 माह में कच्चे तेल का आयात 15.91 प्रतिशत घटकर 146.75 अरब डॉलर रह गया जबकि सोने का आयात 301.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 38 अरब डॉलर हो गया. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर कहा कि भारत ने लाल सागर संकट, विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती और जिंस कीमतों में गिरावट के बावजूद ‘जनवरी में उत्पाद निर्यात में सकारात्मक वृद्धि’ दर्ज की है. बर्थवाल ने बताया कि उन्होंने लाल सागर संकट पर निर्यातकों, संबंधित मंत्रालयों और हितधारकों के साथ तीन बैठकें की हैं. इन बैठकों का उद्देश्य लाल सागर में पैदा हुए मुश्किल हालात से निपटने में निर्यातकों की मदद करना था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों की बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए गैर-शुल्क बाधाओं पर एक कार्यबल भी बनाया है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय नए उत्पादों और नए क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है.
भारत का सेवा निर्यात भी बढ़ा
लाल सागर में संकट पैदा होने से मालवहन की लागत बढ़ गई है जिससे निर्यातकों की खेप पर असर पड़ रहा है. इस मार्ग से गुजरने वाले कुछ जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमलों ने जहाजों को मार्ग बदलने के लिए मजबूर कर दिया है. जनवरी महीने में लौह अयस्क, मसाले, तिलहन, तेल खली, कालीन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चाय, दवाएं, पेट्रोलियम उत्पाद, कॉफी, इंजीनियरिंग उत्पाद और रसायन सहित 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 18 में सकारात्मक वृद्धि देखी गई. आंकड़ों के मुताबिक, सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य भी पिछले महीने बढ़कर 32.8 अरब डॉलर हो गया जबकि साल भर पहले यह 28 अरब डॉलर था. वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीनों में सेवा निर्यात बढ़कर 284.45 अरब डॉलर हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 267.5 अरब डॉलर था. मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर वर्ष 2022 में 10.35 प्रतिशत हो गई जबकि वर्ष 2014 में यह आठ प्रतिशत थी.
(भाषा इनपुट के साथ)
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