भारत-अमेरिका ने नियम-शर्तों को दिया अंतिम रूप
सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों ने समझौते के लिए बातचीत शुरू करने के लिए पहले ही नियम और शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है. उन्होंने कहा, “समझौते के शुरुआती बिंदुओं को अंतिम रूप देने के लिए बहुत संभावनाएं हैं। द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के स्वरूप और आकार को अंतिम रूप देने के लिए काफी संभावनाएं हैं।” अधिकारी ने कहा कि 90 दिन में सब कुछ संभव है अगर यह दोनों पक्षों के लिए ‘फायदेमंद’ है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी बातचीत
भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है. दोनों का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार (BilateralTrade) को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर करने का है. अधिकारी ने कहा, “इस पर काम शुरू हो गया है. भारत एक व्यापार समझौते पर बातचीत करने में दूसरे देशों से बहुत आगे है.” अधिकारी ने कि भारत अमेरिका से लगातार संपर्क में है. इस दौरान बहुत सारी बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होंगी, जबकि कुछ यात्राएं भी हो सकती हैं.
भारत के पास 9 जुलाई तक का वक्त
अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 को भारतीय वस्तुओं के आयात पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की. लेकिन, 9 अप्रैल 2025 को ट्रंप प्रशासन ने इस साल 9 जुलाई 2025 तक यानी 90 दिनों के लिए इसे टालने का फैसला किया है. हालांकि, भारत पर 10% वास्तविक टैरिफ जारी रहेगा.
भारत प्रथम पर हो रही बातचीत
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत प्रस्तावित समझौते पर लगातार अमेरिका के संपर्क में है. सरकार देश और जनता के हितों की रक्षा करेगी. जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाना कभी भी उचित नहीं होता है. उन्होंने कहा कि देश की सभी व्यापार वार्ताएं ‘भारत प्रथम’ की भावना के साथ अच्छी तरह आगे बढ़ रही हैं और ‘विकसित भारत 2047’ का मार्ग सुनिश्चित कर रही हैं.
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हम बंदूक रखके नहीं करते बातचीत: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका के बीटीए की प्रगति के बारे में पूछने पर कहा, “हमने पहले भी कई बार कहा है कि हम बंदूक रखके कभी बातचीत नहीं करते हैं. समय की पाबंदियां अच्छी रहती हैं, क्योंकि वो प्रोत्साहित करती हैं कि बात तेजी से हो. लेकिन, जब तक देश और जन हित को हम सुरक्षित ना रख सकें, तब तक कभी भी जल्दबाजी करना अच्छा नहीं है.”
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