सौर बिजली कंपनी रीन्यू के चेयरमैन सुमंत सिन्हा की पुस्तक ‘री-इमेजिंग क्लीन एनर्जी इन कार्बन कनस्ट्रेन्ड वर्ल्ड’ के विमोचन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि की गति आश्चर्यजनक है. केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि हमने हर साल 50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की योजना बनाई है. वर्तमान में, देश में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता 4,23,000 मेगावाट है. मंत्री ने कहा कि देश में इस साल 40,000 मेगावाट अधिक बिजली की जरूरत होगी क्योंकि देश की बिजली मांग 14 प्रतिशत की दर से बढ़ी है.
भारत अपने ऊर्जा उत्पादन में कोयले का इस्तेमाल कम कर रहा है. देश का लक्ष्य 2030 तक 64 प्रतिशत से अधिक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल करने का है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है. हालांकि, कोयला आधारित उत्पादन बिजली पारेषण ग्रिड के परिचालन की स्थिरता को सुनिश्चित करता है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के चेयरमैन घनश्याम प्रसाद ने बीसीसीएंडआई पर्यावरण और ऊर्जा सम्मेलन में यहां कहा कि यह सच नहीं है कि हम कोयला कम नहीं कर रहे हैं. हम ऊर्जा बदलाव के कारोबार में हैं, लेकिन प्रत्येक उपभोक्ता की ऊर्जा सुरक्षा तथा आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए हमें वाणिज्यिक, घरेलू और औद्योगिक सहित सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान करनी है.
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में करीब 423 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है, जिसमें 206 गीगावाट कोयला आधारित और करीब सात गीगावाट लिग्नाइट आधारित क्षमता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत पहले से ही 45 प्रतिशत (गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता) पर है और उसके लिए 50 प्रतिशत (ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा) तक पहुंचना कोई चुनौती नहीं है. देश ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता का 64 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य रखा है.
(भाषा इनपुट के साथ)
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.