भारत का 1 रुपया घाना में कितने का होता है? सच्चाई जानकर आंखें खुली की खुली रह जाएंगी

Indian Rupee in Ghana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा के बीच लोग जानना चाह रहे हैं कि भारत का 1 रुपया घाना में कितनी कीमत रखता है. घाना की करंसी सेडी है और जुलाई 2025 के अनुसार, 1 रुपया लगभग 0.13 घानियन सेडी के बराबर है.

By Abhishek Pandey | July 3, 2025 10:21 AM
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Indian Rupee in Ghana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दो दिवसीय यात्रा पर अफ्रीकी देश घाना पहुंचे. यह उनकी घाना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है और वहां के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. मोदी की यह यात्रा भारत-घाना संबंधों को नई दिशा देने की एक अहम कड़ी मानी जा रही है. इस ऐतिहासिक दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, तकनीक और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर कई समझौते होने की संभावना है. प्रधानमंत्री की घाना यात्रा के बाद आम लोगों के मन में यह स्वाभाविक सवाल उठ रहा है कि आखिर घाना की करंसी क्या है और उसका भारतीय रुपये में क्या मूल्य होता है? आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

घाना की करंसी क्या है? (Indian Rupee in Ghana)

घाना की आधिकारिक मुद्रा को घानियन सेडी (Ghanaian Cedi) कहा जाता है, जिसका मुद्रा कोड GHS है. ‘सेडी’ शब्द घाना की लोक भाषा में ‘काउरी शंख’ से लिया गया है, जो पुराने समय में मुद्रा के रूप में उपयोग होते थे. वर्तमान में प्रचलित करेंसी नोट और सिक्कों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति और विरासत को दर्शाता है.

भारत में घानियन सेडी की कीमत कितनी है?

वर्तमान में (3 जुलाई 2025 के अनुसार), 1 घानियन सेडी की कीमत 8 भारतीय रुपये के आसपास है. यह दर विदेशी मुद्रा विनिमय दरों में बदलाव के साथ ऊपर-नीचे हो सकती है. उदाहरण के तौर पर, यदि 1 GHS = ₹7.50 है, तो 100 घानियन सेडी के बदले आपको लगभग ₹750 मिलेंगे. इसका सीधा अर्थ है कि अगर कोई भारतीय नागरिक घाना जाता है, तो उसे अपने खर्चों के लिए स्थानीय मुद्रा यानी घानियन सेडी में लेन-देन करना होगा. वहीं, व्यापार और निवेश के लिहाज़ से भी यह जानकारी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.

घाना और भारत के बीच आर्थिक संबंध

भारत और घाना के बीच पहले से ही व्यापारिक रिश्ते हैं. भारत घाना को कई क्षेत्रों में तकनीकी और वित्तीय सहायता देता रहा है, जिसमें शिक्षा, हेल्थकेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल हैं. मोदी की यह यात्रा इन रिश्तों को और मज़बूत करने का अवसर है. इस यात्रा के माध्यम से न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भारत की अफ्रीका नीति को भी नई ऊंचाई देगा. इसके साथ ही आम जनता में जागरूकता बढ़ेगी कि भारत के अलावा दुनिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था और करेंसी का हमारे जीवन में क्या महत्व है.

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