अदाणी पोर्ट्स
भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी के एक बड़ा निवेश उत्तरी इजराइल में हाइफा पोर्ट पर है. उन्होंने इसी साल जनवरी में लगभग 1.03 अरब अमेरिकी डॉलर में इस पोर्ट को खरीदा है. हालांकि, एक लोकल पार्टनर के साथ वो वहां पोर्ट का संचालन करते हैं. इजरायल-फिलिस्तीन के युद्ध की शुरुआत में भी इस कंपनी के स्टॉक में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि, अभी तक युद्ध से ये पोर्ट प्रभावित होता हुआ नहीं दिख रहा है.
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सन फॉर्मा
सन फॉर्मा की एक सहयोगी कंपनी Taro एक इजरायली कंपनी है. समझा जा रहा है कि युद्ध के बादल अगर गहराते हैं तो कंपनी के कई कर्मचारियों को युद्ध में एक्टिव ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है. हालांकि, एक्सपर्ट के अनुसार सन फॉर्मा की ओवरऑल फाइनेंशियल स्थिति पर इसका काफी ज्यादा असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है.
ऑयल एंड गैस मार्केटिंग कंपनी
ईरान के एक्टिव युद्ध में कूदने के बाद खाड़ी देशों में उत्पादित होने वाला कच्चा तेल और गैस प्रभावित होगा. समझा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच सकती है. इसका सीधा, असर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) जैसी तेल विक्रेता कंपनियों पर पड़ने की संभावना है.
पेंट्स कंपनियों के स्टॉक
पेंट्स कंपनियों के स्टॉक पर तेल की कीमतों का सीधा असर देखने को मिलता है. पेंट के निर्माण में क्रूड ऑयल डेरिवेटिव का यूज होता है. ऐसे में आज, erger Paints, Indigo Paints और Shalimar Paints आदि की कीमतों में दबाव देखने को मिल सकता है.
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