कब मिलता है फॉर्म 16
हर साल एम्प्लॉयर्स यह फॉर्म वित्त वर्ष के खत्म होने के बाद आमतौर पर जून के अंत तक अपने एम्प्लॉइज को देते हैं. इस साल यह फॉर्म 15 जून तक इश्यू किया जाएगा. इसके बाद ही कर्मचारी अपने टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इस फॉर्म में दी गई जानकारियां, जैसे सैलरी ब्रेकअप, TDS आदि के तहत की गई टैक्स बचत ITR भरने के लिए सीधे इस्तेमाल होती हैं. गलत या अधूरी जानकारी रिटर्न रिजेक्ट होने का कारण बन सकती है.
क्या है नई अपडेट
इस साल इंकम टैक्स डिपार्ट्मन्ट द्वारा फॉर्म 16 में कुछ बदलाव किये गए हैं. अब ITR-1 भरने वालों के लिए एक राहत की खबर है. पहले यह फॉर्म सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए था जिनकी आय के सैलरी, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी, सेविंग्स या फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला इंटरेस्ट, डिविडेंड्स और 5000 रुपये से कम की ऐग्रिकल्चरल आय तक सीमित थे, लेकिन अब नियमों में बदलाव किया गया है और वित्त वर्ष 2024-25 से अगर किसी व्यक्ति ने शेयर या म्यूचुअल फंड की यूनिट्स बेचकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कमाया है, तो वह भी ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है. शर्त सिर्फ इतनी है कि साल भर में यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. इस बदलाव से उन टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी जो छोटी-मोटी निवेश से कुछ लाभ कमा लेते हैं और अब उन्हें कठिन ITR फॉर्म्स भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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आईटीआर फॉर्म 1 क्या है
आईटीआर फॉर्म 1, जिसे सहज फॉर्म भी कहा जाता है, उन आम टॅक्सपेयर्स के लिए है जिनकी आय साधारण स्रोतों से होती है, जैसे सैलरी, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी से कमाई, बैंक ब्याज या डिविडेंड्स. यह फॉर्म सबसे आसान और सीधा फॉर्म मन जाता है, जिसे नौकरी करने वाले या सीमित आय वाले लोग अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. अगर आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम है और आपकी कमाई के स्रोत सरल हैं, तो यह फॉर्म आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है.
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