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कोर्ट में क्या हुआ
स्पेशल कोर्ट में दायर याचिका में नरेश गोयल ने कहा कि धीमी गति से बढ़ रहे कैंसर के इलाज के लिए उन्हें जमानत चाहिए. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड बनाने का प्रारंभिक आदेश दिया और मामले में 20 फरवरी को देखने का आदेश दिया. कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को अपनी रिपोर्ट 20 फरवरी तक देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही, यह भी निर्देश दिया है कि वो पता लगाये कि उनका इलाज सरकारी अस्पताल मे संभव है या नहीं. इसके साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी नरेश गोयल की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा था.
क्या है बैंकों का आरोप
पैसे की धोखाधड़ी को लेकर केनरा बैंक ने शिकायत की थी कि उसने जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि कंपनी ने अपने से जुड़ी कपंनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए. ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसे निकालने के लिए किया गया. 2019 में नरेश गोयल के चेयरमैन पद छोड़ने से पहले तक गोयल परिवार के पर्सनल खर्चे – जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे.
पिछले महीने अदालत में रो पड़े थे नरेश गोयल
74 वर्षीय नरेश गोयल ने कोर्ट में हाथ जोड़कर कहा कि उन्होंने जीवन की हर उम्मीद को खो दिया है. वो वर्तमान परिस्थितियों में जेल में मरना पसंद करेंगे. कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार, उनके आंखों में आंसू था और उन्होंने कहा कि वो अपनी पत्नी अनीता को बहुत याद करते हैं जो कैंसर के एडवांस स्टेज में हैं. कोर्ट के रोजनामा ‘दैनिक सुनवाई रिकॉर्ड’ के अनुसार, नरेश गोयल ने विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे के सामने हाथ जोड़कर कहा कि उनकी तबीयत काफी खराब है. इस दौरान वो कांप रहे थे. इसके बाद अदालत ने उनके वकीलों को उनकी बीमारी के मद्देनजर उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया.अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके स्वास्थ्य से संबंधित हर चीज का ध्यान रखा जाएगा.
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