बीमा अधिनियम में संशोधन की उम्मीद
ऐसी उम्मीद भी की जा रही है कि हेल्थ इंश्योरेंस का लाइसेंस हासिल करने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन भी किया जा सकता है. बीमा अधिनियम 1938 और भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के नियमों के अनुसार किसी बीमाकर्ता को एक इकाई के तहत जीवन, सामान्य या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए समग्र लाइसेंस की अनुमति नहीं है.
आंतरिक तौर पर चल रहा है काम
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने वित्त वर्ष 2023-24 के वित्तीय आंकड़े पेश करते हुए कहा कि एलआईसी अग्नि और इंजीनियरिंग जैसे सामान्य बीमा में विशेषज्ञ नहीं है, लेकिन यह स्वास्थ्य बीमा कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस पर आंतरिक तौर पर काम जारी है. हम स्वास्थ्य बीमा के लिए अधिग्रहण का विकल्प तलाश सकते हैं.
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बीमा अधिनियम में होगा संशोधन
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक संसदीय समिति ने फरवरी 2024 के दौरान देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए एक इकाई के तहत जीवन, सामान्य या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए बीमाकर्ता के लिए एक समग्र लाइसेंस शुरू करने का सुझाव दिया था. भाजपा के नेता जयंत सिन्हा के नेतृत्व वाली समिति ने सरकार को बीमा कंपनियों के लिए समग्र लाइसेंसिंग का प्रावधान शुरू करने और कानून में जल्द से जल्द संशोधन करने का सुझाव दिया था.
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