LIC में फिर होगी बड़ी हलचल, सरकार बेच सकती है हजारों करोड़ के शेयर

LIC : सरकार एलआईसी में एक और हिस्सेदारी बिक्री की तैयारी में है, जिससे हजारों करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. डीआईपीएएम बाजार स्थिति की समीक्षा कर योजना तैयार करेगा. यह कदम 2027 तक 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के सेबी नियमों का पालन करेगा.

By Abhishek Pandey | July 13, 2025 9:36 AM
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LIC: सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी हिस्सेदारी का एक और हिस्सा बेचने की योजना बना रही है. इस प्रक्रिया को Offer for Sale (OFS) के ज़रिए पूरा किया जाएगा. इस बारे में निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) जल्दी ही विस्तृत रणनीति तय करेगा.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के लिए सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है, हालांकि इसकी योजना अभी शुरुआती चरण में है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “बिक्री का अंतिम निर्णय बाज़ार की स्थिति पर निर्भर करेगा, जिसकी समीक्षा डीआईपीएएम करेगा.”

वर्तमान में सरकार के पास 96.5% हिस्सेदारी

सरकार ने मई 2022 में LIC का IPO लाकर पहली बार 3.5% हिस्सेदारी बाज़ार में बेची थी, जिससे लगभग ₹21,000 करोड़ जुटाए गए थे. उस समय प्रति शेयर मूल्य ₹902 से ₹949 के बीच निर्धारित किया गया था.

फिलहाल, सरकार के पास LIC में 96.5% हिस्सेदारी बनी हुई है.

SEBI के नियमों के अनुसार 10% पब्लिक हिस्सेदारी ज़रूरी
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी लिस्टेड सार्वजनिक कंपनी में कम से कम 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी अनिवार्य है. इस नियम का पालन करने के लिए सरकार को मई 2027 तक LIC में कम से कम 6.5% और हिस्सेदारी बेचनी होगी.

बिक्री से जुड़े जल्द होंगे तय

सूत्रों ने यह भी बताया कि हिस्सेदारी की मात्रा, शेयर का मूल्य और बिक्री का समय बाद में तय किया जाएगा. यह बाज़ार की मौजूदा स्थिति और निवेशकों की रुचि के आधार पर निर्धारित होगा.

LIC का मौजूदा बाज़ार पूंजीकरण

वर्तमान में LIC का बाजार पूंजीकरण ₹5.85 लाख करोड़ है. बीएसई (BSE) पर कंपनी के शेयर ₹924.40 पर ट्रेड कर रहे हैं, जो पिछले बंद भाव से 2.27% कम है. LIC में सरकार की अगली हिस्सेदारी बिक्री न केवल सरकार के विनिवेश लक्ष्य को आगे बढ़ाएगी, बल्कि निवेशकों के लिए एक नया अवसर भी खोल सकती है. हालांकि, इसमें सफलता बाज़ार की स्थिरता और रणनीतिक मूल्य निर्धारण पर निर्भर करेगी.

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