Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी की इन फाइनेंशियल विज्डम को रखें याद, कभी नहीं होगी पैसे की परेशानी

Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी ने पूरा जीवन सादगी से जीया. उन्होंने देश के संचालन से लेकर वित्तीय मसलों पर भी अपने विचार रखें हैं. गांधी के उपदेश आपके फाइनेंशियल लाइफ के लिए आज भी काफी महत्वपूर्ण हैं.

By Madhuresh Narayan | October 2, 2023 9:31 AM
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Gandhi Jayanti 2023: अहिंसा और सत्याग्रह के देश को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी की जयंती आज पूरी दुनिया मना रही है. आज पूरी दुनिया में उनके नाम के पूजारी भरे हैं. मार्टिन लुथर किंग जूनियर से लेकर नेल्सन मंडेला और बराक ओबामा ने महात्मा गांधी से प्रेरणा ली है. जब कई देश जंग या जंग जैसी स्थिति ये जूझ रहे हैं. भारत का महत्व बढ़ता जा रहा है. इसका कारण है कि देश आज भी महात्मा गांधी के दिखाये रास्ते पर चल रहा है. इसी लिए गांधी को सदी का सबसे महानतम इंसान की संज्ञा दी गयी है. महात्मा गांधी ने पूरा जीवन सादगी से जीया. उन्होंने देश के संचालन से लेकर वित्तीय मसलों पर भी अपने विचार रखें हैं. गांधी के उपदेश आपके फाइनेंशियल लाइफ के लिए आज भी काफी महत्वपूर्ण हैं. देश के कुछ प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर एक खास कैपेंन शुरू किया है. इसमें बैंकों के द्वारा महात्मा के फाइनेंशियल विज्डम और आज के समय में उसकी प्रासंगिता के बारे में बताया गया है. अगर, आज भी आप उनके उपदेशों का पालन करेंगे तो कभी पैसे की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

महात्मा गांधी ने कहा था कि दुनिया में हर किसी की जरूरत के लिए तो पर्याप्त चीजें हैं, लेकिन लालच के लिए नहीं. इसका वित्तीय प्रबंधन में बड़ा महत्व है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि लाइफ में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए व्यक्ति को इच्छाओं को नहीं, बल्कि जरूरतों को प्राथमिकता देनी चाहिए.

महात्मा गांधी कहते थे कि किसी भी व्यक्ति में ताकत शारीरिक क्षमता से नहीं आती है. बल्कि इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है. इसका अर्थ है कि आपको पास काफी पैसा है. मगर, सही वित्तीय योजना यानी फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं है तो आपके पास पैसा ज्यादा दिन नहीं रहेगा.

भविष्य के वित्तीय प्रबंधन को लेकर महात्मा गांधी ने कहा है कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या करते हैं. इसका अर्थ है कि भविष्य की फाइनेंशियल जरूरतों के लिए आज से प्लानिंग करना जरूरी है.

गांधी जी का पूरा जीवन ही अपने आप में ही, सीखों से भरा हुआ था. उनका स्व अनुशासन और धैर्य ही अपने आप में बड़ी सीख है. इससे लेकर ऐसे समझा जा सकता है कि वित्तीय मामलों में आजादी के लिए हर किसी को इन दो गुणों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.

महात्मा गांधी भरोसे को महत्वपूर्ण मानते थे. ऐसे में कहा जा सकता है कि किसी भी लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टमेंट में भरोसे के बिना निवेश करने से सफलता नहीं मिलती है.

गांधी जी कहते थे कि छोटे-छोटे कदमों से हमें मंजिल हासिल होती है. ये बातें फाइनेंशियल मामले में भी लागू होता है. इसका सीधा अर्थ है कि छोटे-छोटे निवेश करते रहने चाहिए. इससे भविष्य में जरूरत को समय किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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