Mahila Samman Bachat Yojana में निवेश पर मिलेगी टैक्स में छूट? जानें कौन और कैसे कर सकता है निवेश
Mahila Samman Bachat Yojana: केंद्र सरकार के द्वारा साल 2023 के बजट में इस योजना को पेश किया गया था. सरकार ने इस बचत योजना को साल 2025 तक के लिए लागू किया है.
By Madhuresh Narayan | March 14, 2024 2:02 PM
Mahila Samman Bachat Yojana: केंद्र सरकार के द्वारा महिलाओं को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है. कुछ बचत योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की कोशिश की जा रही है. ऐसी ही एक योजना है महिला सम्मान बचत योजना. केंद्र सरकार के द्वारा साल 2023 के बजट में इस योजना को पेश किया गया था. सरकार ने इस बचत योजना को साल 2025 तक के लिए लागू किया है. हालांकि, इस स्कीम में मिलने वाले ब्याज पर सरकार के द्वारा टैक्स काटा जाता है. महिला सम्मान बचत पत्र योजना मुख्य रुप से स्मॉल सेविंग स्कीम है जो एफडी की तरह काम करती है. इसमें कोई भी भारतीय महिला निवेश कर सकती है. अगर, जिसके नाम से निवेश किया जा रहा है वो अवस्यक है तो इसमें उसकी मां का नाम दिया जाएगा. इस स्कीम में किसी भी उम्र की महिलाएं 2 लाख रुपये तक की राशि का निवेश कर सकती हैं.
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र स्कीम महिलाओं के लिए शुरू की गई एक छोटी बचत योजना है. इस स्कीम के तहत कोई भी महिला या बच्ची 2 लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकती है. इस स्कीम के तहत निवेशकों को 7.5 फीसदी ब्याज दर का लाभ मिलता है. इसमें 1000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है. इस स्कीम के तहत सरकार ब्याज हर तिमाही में खाते में जमा करेगी. अगर आप अप्रैल 2023 में खाता खुलवाते हैं तो इस स्कीम की मैच्योरिटी अप्रैल 2025 में होगी. खास बात यह है कि इस स्कीम के तहत जमा राशि में से आप 1 साल के बाद आंशिक निकासी कर सकते हैं.
जानिए किन परिस्थितियों में समय से पहले बंद किया जा सकता है खाता?
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र अकाउंट को खोलने से 6 महीने के बाद बिना कोई कारण बताए समय से पहले बंद किया जा सकता है. लेकिन, इस मामले में आपके निवेश पर कम ब्याज यानि रेगुलर 7.5 फीसदी की बजाए केवल 5.5 फीसदी ब्याज ही दिया जाएगा. यदि अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो भी अकाउंट को समय से पहले बंद किया जा सकता है. इसके अलावा, निम्नलिखित कम्पैशनेट ग्राउंड पर भी अकाउंट को बंद करने की अनुमति दी जाएगी.
यदि अकाउंट होल्डर को जानलेवा बीमारी हो जाती है.
यदि अवयस्क के गार्जियन की मृत्यु हो जाती है, बेनेफिशियरी मूल जमा राशि पर जुड़ चुके ब्याज का हकदार होगा. इस मामले में, गार्जियन की मृत्यु से जुड़े कागजात दिखाने होंगे.
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