Repo Rate: लोन पर खुशखबरी, RBI ने घटाया रेपो रेट, अब मिलेगी राहत

Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी 2025 में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी. यह फैसला करीब पांच वर्षों के अंतराल के बाद लिया गया, जब ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. उस समय रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया था.

By Abhishek Pandey | April 9, 2025 10:12 AM
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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार, 9 अप्रैल को घोषणा की कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती का निर्णय लिया है. इस कटौती के बाद नई रेपो दर अब 6% हो गई है. यह फैसला तीन दिवसीय बैठक में लिया गया, जो सोमवार, 7 अप्रैल से शुरू होकर 9 अप्रैल को समाप्त हुई.

गवर्नर मल्होत्रा ने यह भी बताया कि मौद्रिक नीति का रुख ‘न्यूट्रल’ से बदलकर अब ‘समायोजी’ (Accommodative) कर दिया गया है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में महंगाई और विकास के संतुलन को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में और नरमी की संभावना हो सकती है.

फरवरी में हुई थी पांच साल बाद की पहली कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी 2025 में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी. यह फैसला करीब पांच वर्षों के अंतराल के बाद लिया गया, जब ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. उस समय रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया था.

2024-25 की आखिरी मौद्रिक समीक्षा में लिया गया था फैसला

यह कटौती चालू वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में की गई थी. फरवरी की इस बैठक में RBI ने आर्थिक सुस्ती और महंगाई में संभावित नरमी को ध्यान में रखते हुए दरों में राहत देने का निर्णय लिया था.

वित्त वर्ष 2025-26 में MPC की मीटिंग का शेड्यूल

मीटिंग क्रमांकतिथि
पहली7-9 अप्रैल 2025
दूसरी4-6 जून 2025
तीसरी5-7 अगस्त 2025
चौथी29 सितंबर – 1 अक्टूबर 2025
पांचवीं3-5 दिसंबर 2025
छठी4-6 फरवरी 2026

रेपो रेट क्या होता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अल्पकालिक कर्ज (loan) लेते हैं. जब बैंकों को पैसों की जरूरत होती है, तो वे अपने सरकारी बॉन्ड्स को गिरवी रखकर RBI से उधार लेते हैं. इस उधारी पर जो ब्याज देना होता है, वही रेपो रेट कहलाता है.

RBI रेपो रेट क्यों घटाता है?

जब अर्थव्यवस्था में मंदी आती है, निवेश घटता है या महंगाई नियंत्रित रहती है, तब:

  • RBI रेपो रेट कम करता है ताकि बैंक सस्ते ब्याज पर लोन ले सकें.
  • बैंक भी फिर ग्राहकों को सस्ते ब्याज पर लोन देना शुरू करते हैं.
  • इससे लोन लेना आसान और सस्ता होता है — जैसे होम लोन, पर्सनल लोन आदि.
  • लोग ज़्यादा खर्च और निवेश करते हैं, जिससे बाजार में मांग बढ़ती है और अर्थव्यवस्था को गति मिलती है.

RBI रेपो रेट क्यों बढ़ाता है?

जब महंगाई बढ़ती है और बाजार में ज़्यादा पैसा आ जाता है, तब:

  • RBI रेपो रेट बढ़ा देता है ताकि बैंकों को महंगे ब्याज पर पैसा मिले.
  • बैंक फिर ग्राहकों को महंगे लोन देने लगते हैं.
  • इससे लोन लेना महंगा हो जाता है, लोग कम खर्च करते हैं.
  • बाजार में नकदी कम होती है और महंगाई पर नियंत्रण पाया जाता है.

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