New Income Tax Bill 2025: इनकम टैक्स में बड़ा बदलाव, अब बिना बताए टैक्स अधिकारी चेक कर सकेंगे सोशल मीडिया और ईमेल

New Income Tax Bill 2025: आयकर कानून में यह बदलाव डिजिटल युग में कर चोरी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही यह निजता और डिजिटल स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला मुद्दा भी बन सकता है.

By Abhishek Pandey | March 6, 2025 11:30 AM
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New Income Tax Bill 2025: भारत सरकार अप्रैल 2026 से आयकर कानूनों में एक महत्वपूर्ण संशोधन करने जा रही है, जिससे कर अधिकारियों को करदाताओं के डिजिटल स्पेस तक पहुंचने की शक्ति मिलेगी. प्रस्तावित आयकर विधेयक 2025 के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर आय या संपत्ति छिपाने का संदेह होता है, तो कर अधिकारी संबंधित डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच सकते हैं, भले ही वे पासवर्ड या सुरक्षा कोड से सुरक्षित हों.

नए प्रावधानों का उद्देश्य

सरकार का दावा है कि इन संशोधनों का उद्देश्य आयकर कानूनों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है. यह नियम उन करदाताओं को लक्षित करेगा जो अपनी संपत्तियों और आय के स्रोतों को डिजिटल माध्यमों में छिपाने का प्रयास करते हैं.

क्या है ‘वर्चुअल डिजिटल स्पेस’?

  • ईमेल सर्वर – किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत या व्यावसायिक ईमेल खातों तक पहुंच.
  • सोशल मीडिया अकाउंट्स – फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन आदि जैसे प्लेटफॉर्म.
  • ऑनलाइन वित्तीय खाते – निवेश खाता, ट्रेडिंग अकाउंट, डिजिटल बैंकिंग सेवाएं आदि.
  • संपत्ति स्वामित्व से जुड़ी वेबसाइट्स – ऐसे पोर्टल जो किसी व्यक्ति की संपत्ति या निवेश का विवरण रखते हैं.
  • रिमोट या क्लाउड सर्वर – डेटा स्टोरेज और अन्य ऑनलाइन सेवाएं.
  • डिजिटल एप्लिकेशन प्लेटफॉर्म – फिनटेक और अन्य डिजिटल एप्लिकेशन.
  • अन्य डिजिटल स्पेस – कोई भी अन्य ऑनलाइन सिस्टम जिसमें वित्तीय या संपत्तियों से संबंधित जानकारी हो.

किन अधिकारियों को मिलेगी जांच की शक्ति?

इस विधेयक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किन अधिकारियों को डिजिटल स्पेस की जांच करने का अधिकार प्राप्त होगा. ‘अधिकृत अधिकारी’ की परिभाषा इस प्रकार दी गई है:

  • ज्वाइंट डायरेक्टर या एडिश्नल डायरेक्टर
  • ज्वाइंट कमिश्नर या एडिश्नल कमिश्नर
  • असिस्टेंट डायरेक्टर या डिप्टी डायरेक्टर
  • असिस्टेंट कमिश्नर या डिप्टी कमिश्नर
  • इनकम टैक्स ऑफिसर या टैक्स रिकवरी ऑफिसर

कैसे करेगा काम यह कानून?

  • यदि कर अधिकारियों को संदेह होता है कि किसी व्यक्ति ने अपनी आय या संपत्ति को डिजिटल माध्यमों में छिपाया है, तो वे डिजिटल स्पेस तक सीधा एक्सेस प्राप्त कर सकते हैं.
  • एक्सेस के लिए कोई पासवर्ड या सुरक्षा कोड बाधा नहीं बनेगा – अधिकारी सीधे खातों की जांच कर सकते हैं.
  • इस प्रावधान से डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन निवेश की सख्त निगरानी की जा सकेगी.
  • किसी भी संदेहास्पद गतिविधि के मामले में, अधिकारी डिजिटल साक्ष्यों को जब्त कर सकते हैं और आगे की जांच कर सकते हैं.

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