NPS के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, अब पैसा निकालने के लिए करना होगा ये काम

नेशनल पेंशन सिस्टम ऐसी योजना है जिसमें लोगों का काफी भरोसा है. इस योजना में पहले केवल नौकरी पेशा लोग निवेश कर सकते थे. मगर, अब इस योजना को आमलोगों के लिए भी खोल दिया गया है.

By Madhuresh Narayan | October 29, 2023 2:13 PM
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केंद्र सरकार के द्वारा लोगों को बुढ़ापे में भी आर्थिक रुप से सबल रखने के लिए कई रिटायरमेंट प्लान चलाये जा रहे हैं. नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) ऐसी योजना है जिसमें लोगों का काफी भरोसा है. इस योजना में पहले केवल नौकरी पेशा लोग निवेश कर सकते थे. मगर, अब इस योजना को आमलोगों के लिए भी खोल दिया गया है.

एनपीएस में निवेश करने के लिए अब आपका नौकरी पेशा होना जरूरी नहीं है. अगर, आप अपना बिजनेस या व्यापार करते हैं तो भी एनपीएस में निवेश कर सकते हैं. पेंशन फंड रेगुलेटर और डेवलपमेंट अथॉरिटी (Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA)) के द्वारा इस योजना का संचालन किया जाता है.

अब एनपीएस योजना से बाहर निकलने पर या पैसे निकासी के नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है. पैसा निकासी के समय ग्राहकों के बैंक खाते में एनपीएस फंड्स को क्रेडिट करने के लिए इंस्टेंट बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन को अनिवार्य बना दिया गया है. साथ ही, अब बैंक अकाउंट का वेरिफिकेशन पेनी ड्रॉप पद्धति से किया जाएगा.

PFRDA ने इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. इसमें बताया गया है कि योजना से बाहर निकलने या निकासी से अनुरोधों का प्रोसेस करने और सब्सक्राइबर्स की बैंक अकाउंट डिटेल में संशोधन करने के लिए पेनी-ड्रॉप पद्धति के अनुसार वेरिफिकेशन जरूरी होगा. बिना वेरिफिकेशन के अब किसी तरह का बदलाव भी संभव नहीं होगा.

एनपीएस धारी का अगर पेनी-ड्रॉप वेरिफिकेशन फेल होता है कि सीआरए को इसकी जानकारी खाता धारक के मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर भेजनी होगी. इसके उन्हें बताना होगा कि वो अपने नोडल ऑफिसर और POP से मिले. इसके साथ ही, सीआरए को उसके नोडल अधिकारी और POP को भी इसकी जानकारी देनी होगी.

जब भी किसी एनपीएस सब्सक्राइबर का पेनी ड्रॉप वेरिफिकेशन फेल हो जाता है तो सीआरए अतिरिक्त वेरिफिकेशन करता है. साथ ही, निकासी से जुड़े किसी भी अनुरोध को प्रोसेस करने से पहले काफी सर्तकता बरती जाती है.

पेनी ड्रॉप वेरिफिकेशन फेल होने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे गलत बैंक खाता नंबर या खाता का प्रकार या आईएफएससी कोड का गलत होना. इसके बाद, नाम की स्पेलिंग में गलती, खाता इनएक्टिव होना, खाता बंद होना, खाता मौजूद नहीं होना, अकाउंट ट्रांसफर या क्रेडिट फ्रीज होना.

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