पिछले साल पीपीबीएल से जुड़े थे सुरिंदर
चावला पिछले साल जनवरी में ही पीपीबीएल से जुड़े थे. लेकिन उनके कार्यकाल में पीपीबीएल नियामकीय मानकों का बार-बार उल्लंघन करने की वजह से हाल में आरबीआई के सख्त निर्देशों की जद में आ गई. आरबीआई ने 31 जनवरी को अपने आदेश में कहा था कि पीपीबीएल 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार न करे. बाद में यह समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी गई थी. रिजर्व बैंक की सख्ती के बाद पेटीएम के प्रवर्तक विजय शेखर शर्मा ने पिछले महीने पीपीबीएल के अंशकालिक गैर-कार्यकारी चेयरमैन का पद छोड़ दिया और बैंक के निदेशक मंडल का पुनर्गठन किया गया.
ओसीएल के पास पीपीबीएल में 49 फीसदी हिस्सेदारी
वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के पास पीपीबीएल में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है. हालांकि, पेटीएम पीपीबीएल को अपनी सहायक इकाई बताती है. पेटीएम ने कहा कि ओसीएल और पीपीबीएल के बीच लगभग सभी समझौते एक मार्च, 2024 को खत्म कर दिए गए हैं. इसके अलावा कंपनी दुकानदारों से जुड़ाव और यूपीआई सेवाएं बढ़ाने के लिए बैंकिंग भागीदारों के साथ सहयोग जारी रखे हुए है.
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने बृहस्पतिवार को ओसीएल को मल्टी-बैंक मॉडल के तहत तृतीय-पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) के रूप में यूपीआई में भाग लेने की मंजूरी दी थी.एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यस बैंक पेटीएम के लिए भुगतान प्रणाली प्रदाता (पीएसपी) बैंकों के रूप में कार्य करेंगे.
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