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क्या है विजय शेखर का टू-डू लिस्ट
पेटीएम के सीईओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया है कि फिनटेक कंपनी पहले से ही कस्टमर केयर में AI को बढ़ावा दे रहा है. कंपनी एआई का इस्तेमाल करके यूजर के अनुभव की जांच कर रही है. पेटीएम एप का होम स्क्रीन बदल गया है. पेटीएम पेमेंट बैंक और अन्य ग्रुप एंटिटी की ऑफरिंग को अलग कर दिया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विजय शेखर शर्मा को उम्मीद है कि ऑटोमेशन के परिणामस्वरूप कंपनी को कम कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. उन्होंने प्रकाशन को बताया कि हम कर्मचारी लागत में लक्षित 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत की बचत करने में सक्षम होंगे, जिसकी हमने योजना बनाई थी, क्योंकि एआई ने वास्तव में हमारी अपेक्षा से अधिक प्रदान किया है. इसके बारे में मनीकंट्रो से कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हम दक्षता बढ़ाने के लिए एआई-पावर्ड ऑटोमेशन के साथ अपने परिचालन को बदल रहे हैं, विकास और लागतों में दक्षता बढ़ाने के लिए दोहराए जाने वाले कार्यों और भूमिकाओं को खत्म कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप संचालन और विपणन में हमारे कार्यबल में थोड़ी कमी आएगी. हम 10 बचाने में सक्षम होंगे. कर्मचारी लागत में 10-15 प्रतिशत, क्योंकि एआई ने हमारी अपेक्षा से अधिक परिणाम दिया है. इसके अतिरिक्त, हम पूरे वर्ष गैर-प्रदर्शन के मामलों का लगातार मूल्यांकन करते हैं.
स्टार्टअप कंपनियों में हुई छंटनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम अपने कारोबार को व्यवस्थित करना चाहता है और इसी क्रम में उसने कर्मचारियों की छंटनी की है. ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि आने वाले कुछ महीनों में और भी छंटनी हो सकती है. जानकारी के अनुसार पेटीएम के इस फैसले से कंपनी में कार्यरत 10 प्रतिशत लोग प्रभावित होंगे. पेटीएम के इस फैसले से भारतीय टेक फर्म की दुनिया में सनसनी फैल गई है, क्योंकि इसे टेक फर्म की सबसे बड़े ले-आॅफ के रूप में देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि भारत में सिर्फ पेटीएम में ही नहीं, बल्कि कई नए स्टार्टअप कंपनियों में छंटनी हुई है. लॉन्गहाउस कंसल्टिंग के डेटा से पता चलता है कि नई कंपनियों ने इस साल लगभग 28,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया. पिछले दो वर्षों की तुलना में छंटनी की दर तेजी से बढ़ी है, क्योंकि 2021 में इन कंपनियों से केवल 4,080 लोगों को निकाला गया था, और 2022 में 20,000 लोगों को निकाला गया.
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