वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा, पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 27 फरवरी के बाद कोई परिवर्तन नहीं
petrol diesel price hike : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 27 फरवरी के बाद कोई परिवर्तन नहीं आया है. केंद्र सरकार के लिए ये राहत की खबर है, लेकिन सदन में लगातार कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर हंगामा जारी है. इधर सरकार ने सोमवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान यह स्वीकार कर लिया कि पेट्रोल-डीजल से अच्छी कमाई हो रही है.
वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में माना कि 6 मई 2020 के बाद उत्पाद शुल्क, उपकर और अधिभार से पेट्रोल में 33 रुपये और डीजल में 32 रुपये प्रति लीटर की कमाई हो रही है. लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पेट्रोल, डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों पर कुछ कर राज्य लगाते हैं और कुछ केंद्र लगाते हैं. ऐसे में राज्य सरकार भी इन पर कर कम करें और हम (केंद्र) भी ऐसा करें, दोनों इस बारे में विचार करें.
GST के दायरे में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं
देश में पेट्रोलियम ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है.
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देश में एक जुलाई, 2017 को जब जीएसटी लागू की गई तो पेट्रोलियम उत्पादों को इसके दायरे से बाहर रखा गया. केंद्र और राज्य सरकारों के कर राजस्व का एक बड़ा हिस्सा इन उत्पादों पर लागू करों पर निर्भर करता है.
सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, फिलहाल, कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि कानून के तहत जीएसटी परिषद ही अनुशंसा कर सकती है कि पेट्रोलियम उत्पादों पर किस तिथि से जीएसटी लगेगा.
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वित्त मंत्री ने बताया, अब तक जीएसटी परिषद ने इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का कोई अनुशंसा नहीं की है. सीतारमण के अनुसार, जीएसटी परिषद जब संबंधित कारकों को देखते हुए जब उचित समझेगी तो इन पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है.
Posted By – Arbind kumar mishra
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