बीमा कंपनियों का विलय कर सकती है सरकार
अंग्रेजी की वेबसाइट मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कुछ बीमा कंपनियों का न्यू इंडिया इंश्योरेंस में विलय करने की योजना बना रही है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार इन बीमा कंपनियों में उनके मुनाफे के अनुपात में नई पूंजी डालने पर भी विचार कर रही है. इससे पहले सरकार ने गैर-जीवन बीमा कंपनियों में वित्त वर्ष 2020 से 2022 के के दौरान करीब 17,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2018 में सामान्य बीमा कंपनियों के विलय की योजना बनाई थी. इसके लिए वित्त वर्ष 2018 के बजट में प्रस्ताव भी किया गया था, लेकिन उस समय इस प्रस्ताव का मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिली थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने अब अपनी इसी पुरानी योजना पर दोबारा काम करना शुरू कर दिया है.
बीमा कंपनियों को 25,000 करोड़ रुपये की जरूरत
एक अनुमान के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमा नियामक आईआरडीएआई (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) के नियमों को पालन करने के लिए सरकारी बीमा कंपनियों को करीब 25,000 करोड़ रुपये की जरूरत हो सकती है. खासतौर पर सॉल्वेंसी से जुड़ी शर्तों को पूरा करने के लिए इस पूंजी की जरूरत है. रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि न्यू इंडिया एश्योरेंस को छोड़कर बाकी बीमा कंपनियों को मार्च 2025 तक सॉल्वेंसी शर्तों को पूरा करने के लिए करीब 9,500 से 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत हो सकती है.
इसे भी पढ़ें: सरकार की महारत्न कंपनी लाने जा रही आईपीओ, सौर और पवन ऊर्जा में दमदार पकड़
सरकारी बीमा कंपनियों की घट रही बाजार हिस्सेदारी
इसके अलावा, बीमा क्षेत्र में घाटा या मुनाफा गिरावट भी एक चुनौती बनी हुई है. जून तिमाही में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को 293 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. हालांकि न्यू इंडिया एश्योरेंस मुनाफे में रही थी. इतना ही नहीं, सरकारी बीमा कंपनियों का बाजार हिस्सेदारी लगातार घट रही है. वित्त वर्ष 2024 में इन कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घटकर 31.18 फीसदी पर आ गई, जो इसके पिछले साल 32.27 फीसदी थी.
इसे भी पढ़ें: SIP के लिए बड़ा रिस्क लेने को युवा तैयार, एसबीआई की पूर्व चीफ ने बैंकों को दी कड़ी नसीहत
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.