ट्रेड वॉर के बीच RBI Governer का बड़ा बयान, नीतिगत फैसलों में हमेशा रहेंगे ‘सक्रिय और तत्पर’

RBI Governor: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बीच केंद्रीय बैंक नीतिगत फैसलों में सक्रिय और तत्पर रहेगा. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भरोसा जताया और मुद्रास्फीति, विकास दर व वित्तीय स्थिरता को लेकर आशावाद व्यक्त किया. उन्होंने जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.5% बताया और मुद्रा स्थिरता पर भी जोर दिया.

By KumarVishwat Sen | April 19, 2025 9:11 PM
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RBI Governor: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच आरबीआई अपनी नीतियों को लेकर पूरी तरह सक्रिय और तत्पर बना रहेगा. बाली में आयोजित 24वें एफआईएमएमडीए-पीडीएआई सालाना सम्मेलन में उन्होंने यह टिप्पणी की.

तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य पर नजर

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं. ऐसे में आरबीआई आर्थिक परिदृश्य की सतत निगरानी कर रहा है और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित नीतिगत कदम उठाएगा. उन्होंने भरोसा जताया कि आरबीआई हर मोर्चे पर पूरी तत्परता से कार्रवाई करेगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था का लचीलापन

संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों ने हालिया वैश्विक तनावों के बावजूद उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है. इसके बावजूद उन्होंने आगाह किया कि भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से वैश्विक अनिश्चितताओं से अछूती नहीं है.

मुद्रास्फीति और वृद्धि में संतुलन

गवर्नर के मुताबिक, देश में वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच बेहतर संतुलन बन रहा है. मुद्रास्फीति अब सहनशील दायरे में है, लेकिन मौसम और वैश्विक कारक इस संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान है, जो वैश्विक मानकों पर काफी बेहतर है.

मौद्रिक नीति में संतुलन और राहत

आरबीआई ने हाल ही में दो बार रेपो दरों में कटौती की है और बाजार में पर्याप्त नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित की है. यह कदम विकास को गति देने और महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखने की दिशा में उठाए गए हैं.

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रुपया और वित्तीय बाजार की स्थिरता

गवर्नर ने कहा कि भारतीय मुद्रा रुपया कुछ समय पहले दबाव में था, लेकिन अब इसमें स्थिरता आई है और यह अपनी खोई जमीन वापस पा चुका है. विदेशी मुद्रा बाजार, सरकारी प्रतिभूतियां और मुद्रा बाजार सभी स्थिर बने हुए हैं.

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