रियल एस्टेट में लॉन्ग-टर्म निवेश पर मुनाफे की दर 10-11% से अधिक
केंद्रीय राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा है कि करते हुए बुधवार को कहा है कि एलटीसीजी में किए गए बदलावों से रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने वाले लोगों को अधिक फायदा होगा. उन्होंने कहा कि यह काफी हद तक चीजों को आसान बनाने की पहल है. कुछ लोगों ने इंडेक्सेशन हटाने पर आशंका जताई है. मैं उनकी चिंताओं को दूर करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि इंडेक्सेशन प्रावधान हटाने के साथ ही कैपिटल गेन टैक्स की दरों को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. इससे लॉन्ग-टर्म में रियल एस्टेट में निवेश करने वाले ज्यादातर लोगों को फायदा होगा. इसका कारण यह है कि रियल एस्टेट में लॉन्ग-टर्म निवेश पर मुनाफे की दर 10-11 फीसदी से अधिक है.
1 करोड़ रुपये तक के एलटीसीजी पर कोई टैक्स नहीं
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि एलटीसीजी में बदलाव से निवेशकों को रोलओवर बेनिफिट भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर आप संपत्ति की बिक्री से मिली रकम को दोबारा घर खरीदने में निवेश कर रहे हैं, तो 1 करोड़ रुपये तक के एलटीसीजी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. बजट में किए गए संशोधनों के मुताबिक, सरकार ने वर्ष 2001 से पहले खरीदी गई या विरासत में मिली संपत्तियों पर करदाताओं के लिए इंडेक्सेशन बेनिफिट को बरकरार रखा है. टैक्स स्लैब में में बदलाव 23 जुलाई, 2024 से प्रभावी हो गए हैं.
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लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स क्या है?
एलटीसीजी उसे कहते हैं, कोई व्यक्ति जब अपनी पूंजीगत संपत्ति बेचता है, तो उन्हें उस बिक्री से होने वाले फायदे पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. इस प्रकार की संपत्ति में कार और इक्विटी शेयर जैसी चल संपत्ति और रेजिडेंशियल प्लॉट, फ्लैट और इमारत जैसी अचल संपत्ति भी हो सकती है. कैपिटल गेन या पूंजीगत लाभ उस व्यक्ति की ओर से चल-अचल संपत्ति की बिक्री पर होने वाले प्रॉफिट या गेन्स को संदर्भित करता है.
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