Reciprocal Tariffs: चीन ने दी धमकी, ट्रंप ने दे मारा 104% टैरिफ का झटका, ट्रंप बोले- अब कोई रियायत नहीं

Reciprocal Tariffs: अमेरिका ने चीन पर 104% आयात शुल्क लगाया है, जिसे व्यापार युद्ध में बड़ा कदम माना जा रहा है. ट्रंप प्रशासन ने इसे चीन की अनुचित नीतियों का जवाब बताया है. चीन ने प्रतिक्रिया में इसे आधारहीन और एकतरफा कदम बताया है.

By Abhishek Pandey | April 9, 2025 9:55 AM

Reciprocal Tariffs: अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनावों के बीच, व्हाइट हाउस ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) घोषणा की कि बुधवार से चीन से आने वाले उत्पादों पर 104% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा. यह कदम बाजारों को हिला देने वाले टैरिफ युद्ध में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है.

“अमेरिका पर हमला होगा तो जवाब और कड़ा होगा” – करोलिन लिविट

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी करोलिन लिविट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह चीन की गलती थी कि उसने अमेरिका के खिलाफ प्रतिक्रिया दी. जब अमेरिका पर प्रहार होता है, तो वह और ज़ोर से जवाब देता है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर चीन समझौते के लिए आगे आता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप उदारता दिखा सकते हैं. लेकिन अमेरिका अब पीछे हटने वाला नहीं है.

“अमेरिकी श्रमिकों के शोषण का युग समाप्त” – ट्रंप प्रशासन

लिविट ने कहा कि ये नया टैरिफ फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चीन की अनुचित व्यापार नीतियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की नीतियों के कारण अमेरिकी कामगारों की नौकरियां गई हैं और उद्योग प्रभावित हुए हैं. उनके अनुसार, “राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कह दिया है कि अमेरिकी आर्थिक समर्पण का दौर अब खत्म हो गया है.”

“चीन की प्रतिक्रिया एक बड़ी गलती” – लिविट

लिविट ने कहा कि चीन ने जब अमेरिकी टैरिफ के जवाब में 34% का जवाबी शुल्क लगाया, तो वह एक बड़ी रणनीतिक भूल थी. इसके बाद ट्रंप ने रविवार को चेतावनी दी थी कि वह अतिरिक्त 50% शुल्क लगाने के लिए तैयार हैं. “चीन जैसे देश जो अमेरिका के कामगारों के खिलाफ अन्याय कर रहे हैं, अब उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे,” उन्होंने कहा.

“कोई विलंब नहीं, लेकिन बातचीत के लिए दरवाज़ा खुला है”

लिविट ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ को टालने या विस्तार देने पर विचार नहीं कर रहे, लेकिन वे बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं. उन्होंने बताया कि “लिबरेशन डे” (2 अप्रैल) के ऐलान के बाद अब तक करीब 70 देशों ने अमेरिका से संपर्क किया है ताकि नए व्यापार समझौते हो सकें. “राष्ट्रपति ने अपनी ट्रेड टीम को निर्देश दिया है कि जो भी देश संपर्क करे, उसके साथ विशेष रूप से तैयार किया गया व्यापार समझौता किया जाए.”

टैरिफ केवल वित्तीय नहीं, बल्कि गैर-वित्तीय बाधाओं पर भी लिविट ने कहा कि इन टैरिफ्स का मकसद केवल वित्तीय शुल्कों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन गैर-आर्थिक बाधाओं (non-monetary barriers) को भी हटाना है जो अमेरिकी व्यापार को नुकसान पहुंचाती हैं.

चीन की प्रतिक्रिया – “एकतरफा और आधारहीन कदम”

चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को “आधारहीन और एकतरफा दबाव” बताया. चीन ने कहा है कि वह इस तरह की नीतियों को “धमकाने की रणनीति” मानता है और अपने हितों की रक्षा करेगा.

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