राफेल बनाने वाली कंपनी से साझेदारी, भारत में बनेगा 2000 बिजनेस जेट, अनिल अंबानी ने मारी बड़ी बाजी

Relince Aerostructures Ltd deal with Dassault Aviation: रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड ने डसॉल्ट एविएशन के साथ बड़ा करार किया है. इसके तहत भारत में फाल्कन 2000 बिजनेस जेट्स का निर्माण होगा. डील के बाद रिलायंस इन्फ्रा के शेयरों में जोरदार तेजी आई. यह साझेदारी 'मेक इन इंडिया' को मजबूती देगी.

By Abhishek Pandey | June 19, 2025 11:05 AM
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Relince Aerostructures Ltd deal with Dassault Aviation: रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने फ्रांस की प्रमुख विमानन कंपनी डसॉल्ट एविएशन के साथ मिलकर भारत में फाल्कन 2000 बिजनेस जेट बनाने का बड़ा करार किया है. कंपनी ने बताया कि इसकी अनुषंगी इकाई रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर महाराष्ट्र के नागपुर स्थित मौजूदा संयंत्र में इन जेट्स को असेंबल करेगी.

पहली बार फ्रांस के बाहर बनेगा फाल्कन 2000 जेट

यह पहली बार होगा जब फाल्कन 2000 जेट्स का निर्माण फ्रांस के बाहर किसी अन्य देश में होगा. इसके अलावा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी फाल्कन 8X और फाल्कन 6X जेट्स के फ्रंट सेक्शन का असेंबली कार्य भी करेगी. डसॉल्ट और रिलायंस के संयुक्त उद्यम ‘डसॉल्ट रिलायंस एविएशन’ (Dassault Reliance Aviation) को फाल्कन सीरीज के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के तौर पर विकसित किया जाएगा. रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा, “डसॉल्ट एविएशन के साथ यह साझेदारी रिलायंस ग्रुप के लिए एक ऐतिहासिक पड़ाव है. हम मिलकर भारत को वैश्विक एयरोस्पेस वैल्यू चेन में एक मजबूत केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.”

भारत की एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगी नई ऊंचाई

इस साझेदारी से भारत की एयरोस्पेस निर्माण क्षमता को नया आयाम मिलेगा. वर्तमान में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील ही अगली पीढ़ी के बिजनेस जेट्स का निर्माण कर रहे हैं. ऐसे में भारत इस सूची में शामिल होने जा रहा है.

2017 में शुरू हुआ था रिलायंस-डसॉल्ट का संयुक्त उपक्रम

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और डसॉल्ट एविएशन ने 2017 में ‘डसॉल्ट रिलायंस एविएशन लिमिटेड’ (DRAL) के रूप में एक संयुक्त उपक्रम (JV) की शुरुआत की थी. इस JV का उद्देश्य नागपुर में स्थापित नई फैक्ट्री में फाल्कन 2000 जेट्स के विभिन्न सेक्शनों का असेंबली कार्य करना था. 2019 में इस संयुक्त उपक्रम ने फाल्कन 2000 जेट के असेंबल किए गए पहले फ्रंट सेक्शन की डिलीवरी की थी. तब से अब तक DRAL ने फाल्कन जेट्स के 100 से अधिक प्रमुख सेक्शन तैयार कर डिलीवर कर दिए हैं.

‘Make in India’ को मजबूत करेगा नया करार

डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा, “यह नया समझौता DRAL को फ्रांस के बाहर पहला फाल्कन असेंबली सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगा. आगे चलकर यह फाल्कन 2000 के लिए फाइनल असेंबली लाइन के तौर पर विकसित होगा. यह डसॉल्ट की ‘मेक इन इंडिया’ की प्रतिबद्धता को दिखाता है और भारत को वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन में मजबूत साझेदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.” उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता DRAL के विकास को नई रफ्तार देगा और रिलायंस के साथ साझा रणनीतिक दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगा.

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