व्हाट्सएप से ठग लिये गए इंजीनियर साहेब, निवेश के नाम पर 52 लाख का चूना

WhatsApp Fraud: नोएडा के सेक्टर 31 निवासी 66 वर्षीय सेवानिवृत्त इंजीनियर को व्हाट्सएप के जरिए HSBC के फर्जी निवेश ग्रुप में जोड़कर 52 लाख रुपये की साइबर ठगी का शिकार बनाया गया. पीड़ित से निवेश ऐप डाउनलोड कराकर भारी रकम ट्रांसफर करवाई गई. शुरुआती रिफंड और फर्जी ऑफिस निमंत्रण से विश्वास दिलाया गया. शिकायत के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने IPC और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और डिजिटल ट्रेल के जरिए आरोपियों की तलाश जारी है.

By KumarVishwat Sen | May 17, 2025 5:15 PM
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WhatsApp Fraud: नोएडा के सेक्टर 31 निवासी 66 वर्षीय एक सेवानिवृत्त इंजीनियर साइबर ठगी का शिकार हो गए. उन्हें व्हाट्सएप के जरिए ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय बैंक HSBC के फर्जी निवेश ग्रुप में जोड़कर करीब 52 लाख रुपये की ठगी की गई. मामला मार्च से अप्रैल 2024 के बीच का है, जिसकी शिकायत पीड़ित ने को पुलिस में दर्ज कराई.

फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप और निवेश ऐप का जाल

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित ने बताया कि 12 मार्च को उन्हें HSBC सिक्योरिटीज नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें करीब 100 सदस्य थे. इस ग्रुप में NSE और BSE के IPOs व बल्क डील की जानकारी देने का दावा किया गया. ग्रुप को कथित तौर पर ‘अदिति अरोड़ा’ नाम की महिला मैनेज कर रही थी. बाद में एक कथित ‘सलाहकार’ दीपश जैन से मिलवाया गया, जिसने खुद को HSBC का चीफ एनालिस्ट बताया.

निवेश के बहाने एप डाउनलोड और लाखों का ट्रांसफर

संदिग्धों ने पीड़ित को अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप्स में जोड़ते हुए एक निवेश ऐप डाउनलोड करने को कहा, जिसमें HSBC बैंक का लोगो भी था. यह ऐप Google Play Store पर उपलब्ध था और देखने में असली लग रहा था. शुरुआत में 30% डिस्काउंट जैसे लुभावने ऑफर्स और एक बार आंशिक रिफंड देकर विश्वास जीता गया. इसके बाद पीड़ित से RTGS/IMPS के जरिए 52 लाख रुपये की भारी रकम ट्रांसफर करवा ली गई.

क्रेडिट स्कोर और और निवेश का दबाव

जब पीड़ित ने दोबारा पैसे निकालने की कोशिश की, तो ऐप ने कम क्रेडिट स्कोर का हवाला देकर पैसे रोक दिए. इसके बाद पीड़ित पर बार-बार और निवेश करने का दबाव बनाया गया. संदेह बढ़ने पर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

मुंबई ऑफिस आने का फर्जी न्योता

धोखेबाजों ने जब पीड़ित का विश्वास जीतने के लिए मुंबई स्थित एक कथित ऑफिस में मिलने का न्योता भेजा, तो पीड़ित को यकीन हो गया कि पूरा ऑपरेशन फर्जी है.

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पुलिस जांच जारी, कई धाराओं में मामला दर्ज

नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने IPC की धारा 318 (4), 319 (2) और आईटी अधिनियम की धारा 66D के तहत केस दर्ज कर लिया है. जांच अधिकारी रणजीत सिंह के अनुसार, धोखेबाजों ने फर्जी पहचान और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर एक संगठित साइबर ठगी अभियान चलाया. पुलिस डिजिटल ट्रेल के जरिए अपराधियों की पहचान करने में जुटी है और ठगी की गई रकम की रिकवरी की कोशिशें भी जारी हैं.

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