फोन का जवाब नहीं देते ऐसे में घर जाना विकल्प
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बताया कि भुगतान में चूक की योजना बना रहे कर्जदार बैंक द्वारा याद दिलाने के बाद भी कोई जवाब नहीं देते हैं. इसलिए उनके घर पर बिना उन्हें सूचित किए जाना एक अच्छा विकल्प है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच खुदरा ऋण वितरण भी बढ़ रहा है. ऐसे में यह कदम बेहतर कर्ज वसूली के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. एसबीआई का खुदरा ऋण आवंटन जून, 2023 तिमाही में 16.46 प्रतिशत बढ़कर 12,04,279 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10,34,111 करोड़ रुपये था. बैंक का कुल ऋण खाता 13.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 33,03,731 करोड़ रुपये हो गया.
कर्जदारों को सचेतकर रही है कंपनी
एसबीआई में जोखिम, अनुपालन और दबाव वाली परिसंपत्तियों के प्रभारी प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा कि कृत्रिम मेधा (AI) का उपयोग करने वाली दो फिनटेक यानि वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ हम अपने खुदरा कर्जदारों को उनके ऋण भुगतान दायित्वों की याद दिलाने का एक नया तरीका अपना रहे हैं. जहां एक कंपनी कर्जदार के साथ सुलह कर रही है, वहीं दूसरी कंपनी हमें कर्जदार की चूक करने की प्रवृत्ति के बारे में सचेत कर रही है. उन्होंने कहा कि चॉकलेट का एक पैकेट ले जाने और व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने का यह नया तरीका अपनाया गया है क्योंकि यह पाया गया है कि चूक की योजना बना रहा उधारकर्ता बैंक से भुगतान करने की याद दिलाने वाले फोन कॉल का जवाब नहीं देगा. तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप बिना बताए उनके ही घर पर मिल उन्हें चौंका दें. और अबतक, सफलता दर जबर्दस्त रही है.
प्रायोगिक चरण में है फिनटेक: प्रबंध निदेशक
प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने दोनों कंपनियों का नाम बताने से इंकार करते हुए कहा कि यह कदम अभी प्रायोगिक चरण में है और इसे लगभग 15 दिन पहले ही लागू किया गया है और ‘सफल होने पर हम औपचारिक रूप से इसकी घोषणा करेंगे. जानकारों का कहना है कि एसबीआई के एआई फिनटेक शुरू करने से प्राइवेट कंपनियों के बढ़ते बाजार पर लगाम लगेगा. साथ ही, एसबीआई का व्यापार ज्यादा से ज्यादा आमलोगों के साथ बढ़ाने में मदद मिलेगी.
एटीएम से पैसा निकालने के नियम में भी हुआ बदलाव
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा 25,000 रुपये से अधिक की औसत मासिक शेष राशि के लिए अपने एटीएम पर पांच मुफ्त लेनदेन प्रदान करता है. इसमें गैर-वित्तीय और वित्तीय दोनों शामिल है. इस सीमा से अधिक वित्तीय लेनदेन के लिए एसबीआई एटीएम पर जीएसटी के साथ 10 रुपये का शुल्क वसूलती है. जबकि, अन्य बैंकों के एटीएम पर, ये प्रति लेनदेन 20 रुपये प्लस जीएसटी है. डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों के द्वारा कई उपाय किये जा रहे हैं. इसके तहत लोगों को कैश लेन बनाने के लिए बैंक अपने एप भी प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा गूगल पे से लेकर पेटीएम तक इस मामले में लोगों की मदद कर रहे हैं. डिजिटल लेनदेन विभिन्न तरीकों में किया जा सकता है जैसे कि इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल वॉलेट, यूपीआई (आधार-आधार इंटरफेस), आदि. यह व्यक्तिगत या व्यवसायिक लेन-देन को आसान और सुरक्षित बनाता है. इस लेनदेन के लिए आपकी पर्सनल और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा प्रमुख होती है. डिजिटल तंत्रों में जानकारी की सुरक्षा और डेटा एनक्रिप्शन के उपायों का उपयोग किया जाता है. डिजिटल लेनदेन के बिना किसी पेपर की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे पेपरलेस ट्रांजेक्शन्स की प्रक्रिया बढ़ती है और पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है.
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