अनिल अंबानी को एसबीआई का बड़ा झटका, फ्रॉड की श्रेणी में डाला जाएगा रिलायंस कम्युनिकेशंस लोन खाता

Anil Ambani vs SBI: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के 31,580 करोड़ रुपये के लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित किया है. बैंक ने कंपनी के पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भी आरबीआई को रिपोर्ट करने का फैसला लिया है. धोखाधड़ी पहचान समिति ने लोन इस्तेमाल में गड़बड़ी पाई. रिलायंस कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को इस कार्रवाई की जानकारी दी है. यह मामला कॉरपोरेट गवर्नेंस और बैंकिंग निगरानी के लिहाज से अहम माना जा रहा है. अनिल अंबानी की साख पर असर पड़ सकता है.

By KumarVishwat Sen | July 2, 2025 4:27 PM
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Anil Ambani vs SBI: मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई से बड़ा झटका मिला है. खबर है कि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत करने और इसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को रिपोर्ट करने का फैसला किया है. यह कदम भारतीय बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है.

एसबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को लिखी चिट्ठी

रिलायंस कम्युनिकेशंस ने खुद इस बात की पुष्टि की है. शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि उसे भारतीय स्टेट बैंक से 23 जून 2025 को एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें यह निर्णय लिया गया है. पत्र के अनुसार, बैंक की ‘धोखाधड़ी पहचान समिति’ ने लोन के इस्तेमाल में गंभीर अनियमितताएं पाई हैं.

रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 31,580 करोड़ रुपये का लोन

रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी सहयोगी कंपनियों ने बैंकों से कुल 31,580 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इस लोन के इस्तेमाल को लेकर एसबीआई ने गहन जांच की और पाया कि कई स्तरों पर नियमों का उल्लंघन हुआ है. इसके बाद समिति ने लोन खाते को ‘फ्रॉड’ घोषित करने की सिफारिश की.

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अनिल अंबानी के खिलाफ आरबीआई में रिपोर्ट

एसबीआई ने अनिल अंबानी को भी इस पत्र की एक प्रति भेजी है, जिसमें यह उल्लेख है कि आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार उनका नाम केंद्रीय बैंक को रिपोर्ट किया जाएगा. इस निर्णय के बाद अनिल अंबानी की बैंकिंग गतिविधियों और क्रेडिट प्रोफाइल पर गहरा असर पड़ सकता है. यह मामला अब अन्य बैंकों और जांच एजेंसियों के लिए भी मार्गदर्शक बन सकता है. यह घटनाक्रम न सिर्फ अनिल अंबानी के लिए झटका है, बल्कि भारत की कॉरपोरेट गवर्नेंस और बैंकों की सतर्कता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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