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ईएमआई टालने वालों पर साइबर क्रिमिनलों की टिकी है नजर : देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों को धोखेबाज साइबर क्रिमिनलों से आगाह करते हुए कहा है कि साइबर क्रिमिनल ग्राहकों को अपना ईएमआई रुकवाने के लिए अपना ओटीपी साझा करने की बात करते हैं. बैंक ने कहा कि ईएमआई नहीं चुकाने के लिए ओटीपी साझा करना जरूरी नहीं है. इसलिए आप अपना ओटीपी नंबर किसी से साझा नहीं करें. एक बार ओटीपी साझा करने के बाद धोखेबाजों द्वारा पलक झपकते आपके खाते से पैसे उड़ा लिये जाएंगे. एसबीआई ने अपने ग्राहकों को अपने ओटीपी साझा नहीं करने की चेतावनी दी है.
रिजर्व बैंक ने तीन महीने तक ईएमआई टालने का किया है अनुरोध : कोरोना वायरस महामारी के चलते देश लागू लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों और भारतीय वित्तीय संस्थानों को यह अनुमति दी है कि वे 1 मार्च 2020 से 31 मई, 2020 के बीच अपने ईएमआई भुगतानों पर तीन महीने तक के ग्राहकों को राहत दे सकते हैं. यानी ईएमआई को आगे बढ़ा सकते हैं. आरबीआई की सलाह के बाद सरकारी के साथ प्राइवेट बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को दिया है.
साइबर धोखेबाजों से बचने के ये हैं उपाय : कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन स्थिति में धोखाधड़ी करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं. ये धोखेबाज UPI आईडी से दान मांग रहे हैं. बैंक ने कहा कि ग्राहक पीएम केयर्स के यूपीआई आईडी से दान मांगने वालों से सचते रहें. इसके साथ ही, फंड ट्रांसफर करने से पहले पैसे प्राप्त करने वाले की पहचान की जांच करें. किसी भी ई-कॉमर्स साइट पर अपने कार्ड की डिटेल कभी सेव न करें. अनचाहे ई-मेल पर अपना गुप्त जानकारी साझा नहीं करें. कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी खबर पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें. विश्वसनीय स्रोत से तथ्य साझा करें और जब आप कोई गड़बड़ी देखें, तो उसकी रिपोर्ट करें.
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