सेबी की बड़ी कार्रवाई, जेन स्ट्रीट संस्थाओं पर कथित हेरफेर के आरोप में लगा प्रतिबंध

SEBI Action: सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट की संस्थाओं पर कथित हेरफेर के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है. कंपनी को भारतीय शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को लौटाने का आदेश दिया गया है. एनएसई में सूचकांक विकल्पों के माध्यम से हेराफेरी कर लाभ कमाने का आरोप है. यह सेबी की अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी मानी जा रही है. सेबी ने निवेशकों की सुरक्षा को देखते हुए तत्काल हस्तक्षेप किया और सख्त कदम उठाया है.

By KumarVishwat Sen | July 4, 2025 10:48 PM
an image

SEBI Action: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट ग्रुप की भारतीय बाजार में गतिविधियों पर बड़ा शिकंजा कसते हुए उसे प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है. इसके साथ ही, कंपनी को 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का निर्देश दिया गया है.

समाप्ति दिनों के पास सूचकांक में की गई कथित हेराफेरी

सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट की संस्थाओं ने एनएसई पर सूचीबद्ध सूचकांक विकल्पों में व्यवस्थित तरीके से मुनाफा कमाने के लिए समाप्ति के दिनों में सूचकांक स्तर में कथित रूप से हेरफेर किया. इस व्यवहार को “एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज” के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसमें कंपनी ने ट्रेडिंग से पहले सूचकांक के स्तर को अपने पक्ष में प्रभावित किया.

प्रतिबंधित संस्थाएं और उनकी भूमिका

सेबी के अंतरिम आदेश के तहत जिन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें जेएसआई इन्वेस्टमेंट, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग शामिल हैं. इन सभी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धोखाधड़ी और हेरफेर वाले व्यापार व्यवहार से दूर रहने का आदेश दिया गया है.

सेबी का अब तक का सबसे बड़ा रिफंड आदेश

यह पहली बार है, जब सेबी ने इतनी बड़ी राशि की रिकवरी (4,843 करोड़ रुपये) का आदेश दिया है. सेबी ने कहा कि जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक की अवधि में जेन स्ट्रीट की संस्थाओं ने 44,358 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया, जिसमें बड़ी मात्रा में व्यापार अनुचित माने गए.

पहले दी गई चेतावनियों की अवहेलना

सेबी ने खुलासा किया कि फरवरी 2025 में एनएसई की ओर से जारी किए गए स्पष्ट परामर्श के बावजूद जेन स्ट्रीट ग्रुप ने दोबारा वही गतिविधियां कीं. यह स्पष्ट रूप से नियामक निर्देशों की अवहेलना और नैतिक आचरण का उल्लंघन माना गया है.

निवेशकों की सुरक्षा को बताया प्राथमिकता

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी. ने आदेश में कहा, “अगर जेन स्ट्रीट को ऐसे ही काम करने की छूट दी गई, तो इससे निवेशकों की सुरक्षा को गंभीर खतरा होगा. सेबी का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में सीधा और कड़ा हस्तक्षेप करे.”

इसे भी पढ़ें: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल लोगों को मिलेगा टैक्स बेनिफिट

एक वैश्विक फर्म पर भारतीय बाजार में सवाल

जेन स्ट्रीट ग्रुप की स्थापना 2000 में हुई थी और यह अमेरिका, यूरोप और एशिया में सक्रिय है. 2,600 से अधिक कर्मचारी और 45 देशों में ट्रेडिंग ऑपरेशन के बावजूद इस पर भारतीय बाजार में भरोसे के लायक व्यवहार न करने का आरोप है.

इसे भी पढ़ें: टाटा की ट्रेंट पर दांव लगाने का सही है समय, मिल सकता है शानदार रिटर्न

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version