एनएफओ की राशि के इस्तेमाल की समयसीमा तय
सेबी की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि नए फंड ऑफर (एनएफओ) से प्राप्त राशि का इस्तेमाल तय समयसीमा के भीतर किया जाना चाहिए. आमतौर पर यह अवधि 30 दिन की होती है. यदि किसी फंड हाउस की ओर से इस अवधि के भीतर राशि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो निवेशकों को बिना किसी निकासी शुल्क के योजना से बाहर निकलने का विकल्प मिलेगा.
सेबी के नए नियम का उद्देश्य
सेबी के इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फंड हाउस बिना योजना बनाए एनएफओ के जरिए निवेशकों से फंड इकट्ठा न करें. जितनी जल्दी हो सके उसे निवेश करें, ताकि निवेशकों को जल्दी से जल्दी रिटर्न मिल सके.
म्यूचुअल फंड योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी
सेबी ने म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test) को अनिवार्य कर दिया है, ताकि निवेशकों को यह समझने में आसानी हो कि कोई फंड विभिन्न आर्थिक परिस्थितियों में कैसा प्रदर्शन करेगा. इससे निवेशकों को जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिलेगी.
AMC कर्मचारियों के वेतन से भी निवेश होगा
सेबी ने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) के कर्मचारियों के वेतन को म्यूचुअल फंड निवेश से जोड़ने का फैसला किया है. नए नियमों के तहत AMC को अपने कर्मचारियों के वेतन का 1% उनकी भूमिका के आधार पर म्यूचुअल फंड यूनिट्स में निवेश करना होगा.
नए नियमों से निवेशकों को फायदा
- एनएफओ में निवेश ज्यादा सुरक्षित होगा.
- फंड हाउस को अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा.
- निवेशक बिना किसी निकासी शुल्क के योजना से बाहर निकल सकेंगे.
- स्ट्रेस टेस्ट से जोखिम का बेहतर आकलन संभव होगा.
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निवेशकों के लिए जरूरी सलाह
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं या किसी नए एनएफओ में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखें. किसी भी योजना में निवेश करने से पहले फंड हाउस की रणनीति को समझें और अपने वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से सही फैसला लें.
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