Shaktikanta Das Net Worth: कितनी संपत्ति के मालिक हैं शक्तिकांत दास, अब पीएम मोदी के साथ करेंगे काम
Shaktikanta Das Net Worth: शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने नोटबंदी (2016) के दौरान आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में काम किया था और जीएसटी लागू करने में भी अहम योगदान दिया था.
By Abhishek Pandey | February 23, 2025 9:41 AM
Shaktikanta Das Net Worth: पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है. यह बदलाव प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक परिवर्तन माना जा रहा है. शक्तिकांत दास इससे पहले भी कई प्रमुख पदों पर कार्य कर चुके हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को दिशा देने में उनकी अहम भूमिका रही है. वह वित्त मंत्रालय में सचिव पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी इस नई जिम्मेदारी से प्रशासनिक निर्णयों में और अधिक प्रभावशीलता आने की संभावना है. आइए जानते हैं कि शक्तिकांत दास की कुल संपत्ति कितनी है.
शक्तिकांत दास की कुल संपत्ति
शक्तिकांत दास की कुल संपत्ति (नेट वर्थ) के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है. सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जानकारी आमतौर पर सार्वजनिक डोमेन में नहीं होती है. हालांकि, एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के रूप में, उनका वेतन और भत्ते सरकार द्वारा निर्धारित वेतनमान के अनुसार होते हैं. जब वे आरबीआई के गवर्नर थे, तब उन्हें प्रति माह लगभग ₹2.5 लाख का वेतन मिलता था. इसके अलावा, उन्हें सरकारी आवास, यात्रा भत्ता, और अन्य सुविधाएं भी प्राप्त होती थीं. अब, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में, वे कैबिनेट सचिव के समान वेतनमान में आते हैं, जिसका अनुमानित मासिक वेतन ₹2.5 लाख से अधिक हो सकता है.
करियर और उपलब्धियां
शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने नोटबंदी (2016) के दौरान आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में काम किया था और जीएसटी लागू करने में भी अहम योगदान दिया था. आरबीआई गवर्नर के रूप में, उन्होंने देश की मौद्रिक नीति को संतुलित रखा और डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दिया. उनकी लीडरशिप में, आरबीआई ने COVID-19 महामारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कई नीतिगत फैसले लिए, जिसमें रेपो रेट में कटौती और लोन मोरेटोरियम शामिल थे. उनकी नीतियों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई, और उन्हें 2024 में लगातार दूसरे वर्ष “A+” ग्लोबल सेंट्रल बैंकर रेटिंग मिली.
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