Share Market: धम से गिरा आईटी कंपनियों का स्टॉक, 10 प्रतिशत के करीब टूटा एक्सेंचर, जानें क्या है कारण

Share Market: आईटी सर्विस प्रोवाइडर एक्सेंचर के द्वारा अपने राजस्व में कटौती का अनुमान जारी किया गया है. पहले कंपनी के द्वारा राजस्व 3 से 5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जारी किया गया था. जो अब केवल एक से तीन प्रतिशत रह गया है. कंपनी का कहना है कि वो अपनी आईटी और परामर्श सेवा में सुस्ती से जूझ रहा है.

By Madhuresh Narayan | March 22, 2024 12:05 PM
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Share Market: भारतीय शेयर बाजार आज सुस्त शुरुआत के बाद रिकवरी के मूड में दिख रहा है. सुबह 11.30 बजे सेंसेक्स 0.18 प्रतिशत यानी 132.70 अंक चढ़कर 72,773.89 पर कारोबार कर रहा था. जबकि, निफ्टी 0.25 प्रतिशत यानी 55.75 अंक उठकर 22,067.70 पर कारोबार कर रहा है. हालांकि, इस तेजी के बीच भी निफ्टी पर आईटी इंडेक्स 648 अंक टूटा हुआ है. इससे पहले कारोबार के दौरान 9.30 बजे इंडेक्स 1198 अंक तक टूट गया था. इस बीच, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) पर एक्सेंचर के स्टॉक में सबसे ज्यादा 9.31 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली. इसके साथ ही, भारतीय बाजार में विप्रो और इनफोसिस के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिल रही है.

क्यों टूटे एक्सेंचर के स्टॉक

आईटी सर्विस प्रोवाइडर एक्सेंचर के द्वारा अपने राजस्व में कटौती का अनुमान जारी किया गया है. पहले कंपनी के द्वारा राजस्व 3 से 5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जारी किया गया था. जो अब केवल एक से तीन प्रतिशत रह गया है. कंपनी का कहना है कि वो अपनी आईटी और परामर्श सेवा में सुस्ती से जूझ रहा है. हालांकि, ग्लोबल मार्केट में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. इसके कारण, छंटनी और नियुक्ति पर रोक देखने को मिल रहा है. इस खबर के बाद, भारत की दिग्गज कंपनियों में शामिल विप्रो, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में गिरावट देखने को मिली है. एचसीएल टेक, एम्फैसिस और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के स्ट़क में चार प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है.

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क्या है एक्सपर्ट की राय

मॉर्गेन स्टेनली ने कहा कि एक्सेंचर के वृद्धि दर में कटौती ने बाजार की चिंता बढ़ा दी है. इसके साथ ही, भारतीय आईटी कंपनियों के लिए राजस्व वसूली की गति पर भी चिंता बनी हुई है. जबकि, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि एक्सेंचर के कटौती से भारतीय आईटी सेवा फर्मों में थोड़ी नकारात्मकता देखने को मिली है. हालांकि ये ज्यादा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा मानना है कि भारतीय आईटी कंपनियों के लिए FY25 स्ट्रीट अनुमानों को पर्याप्त रूप से तर्कसंगत बनाया गया है. जबकि, अभी के स्तर में डाउनग्रेड जोखिम है. इस क्षेत्र में सकारात्मक रुख की उम्मीद करते हैं.

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