माय का, बाप का, बीवी का… सबका होगा फ्री में इलाज, सरकार लाई नई योजना

SPREE Scheme: सरकार की स्प्री योजना के तहत अब कर्मचारी न केवल स्वयं, बल्कि अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों का भी मुफ्त इलाज ईएसआईसी के अंतर्गत करा सकेंगे. श्रम मंत्रालय ने इस योजना को फिर से शुरू कर पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की है. यह योजना अपंजीकृत नियोक्ताओं और अस्थायी कर्मचारियों को ईएसआई कवरेज का लाभ देने के उद्देश्य से लाई गई है. इसमें पंजीकरण से चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभों की सीधी पात्रता मिलेगी.

By KumarVishwat Sen | June 27, 2025 10:39 PM
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SPREE Schemes: देश भर के विभिन्न कंपनियों और संस्थानों में काम करने वाले 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. अब वे ईएसआई के तहत अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों का भी इलाज करा सकते हैं. केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने 27 जून 2025 को शिमला में आयोजित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की 196वीं बैठक में ‘स्प्री योजना’ के नवीनीकरण की घोषणा की. इसका उद्देश्य देश भर में कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) कवरेज को बढ़ाना है, जिससे अधिकाधिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल सके. यह योजना 1 जुलाई 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी.

क्या है स्प्री योजना?

पीआईबी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्प्री का पूरा नाम सोशल प्रोटेक्शन एंड रिहैबिलिटेशन फॉर एम्प्लाइज एंपावरमेंट है. यह एक केंद्रीय योजना है, जिसे मूल रूप से 2016 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य अपंजीकृत नियोक्ताओं और अनुबंधित अथवा अस्थायी कर्मचारियों को ईएसआई अधिनियम के तहत पंजीकृत कराना है, जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा और मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सके. 2016 की पहली योजना से 88,000 से अधिक नियोक्ताओं और 1.02 करोड़ कर्मचारियों का पंजीकरण हुआ था. अब फिर से इस योजना को शुरू कर सरकार स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाना चाहती है.

परिवार के किन लोगों का होगा इलाज

पीआईबी इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्प्री योजना के अंतर्गत केवल कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके आश्रित परिवार के सदस्य भी चिकित्सा सुविधाओं के हकदार होंगे.

  • कर्मचारी के माता-पिता: यदि वे कर्मचारी पर आश्रित हैं और मासिक आय 5,000 रुपये से कम है, तो वे इस योजना के तहत फ्री में इलाज पाने के हकदार हैं.
  • पत्नी: कर्मचारी की पत्नी भी फ्री में इलाज और प्रसव सहायता की पात्र है, जिसमें 26 सप्ताह तक पूर्ण वेतन मिलता है.
  • बेटा-बेटी: 18 वर्ष तक (या विकलांग होने की स्थिति में आजीवन) चिकित्सा लाभ के पात्र है. यहां तक कि सौतेले व दत्तक बच्चे भी शामिल किए जा सकते हैं.

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पंजीकरण की प्रक्रिया और लाभ

इस योजना के तहत जो नियोक्ता निर्धारित अवधि में पंजीकरण कराते हैं, उन्हें ईएसआई अधिनियम के तहत उसी तारीख से कवर माना जाएगा, जबकि कर्मचारी पंजीकरण की तिथि से ही चिकित्सा और अन्य लाभों के पात्र बन जाएंगे. योजना स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देती है, जिससे मुकदमेबाजी में कमी आएगी और अधिक नियोक्ता औपचारिक व्यवस्था में आएंगे। यह पारदर्शिता, भरोसा और सामाजिक भागीदारी को भी मजबूत करेगा.

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