पनामा नहर पर नियंत्रण की घोषणा से चीन को झटका
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के बाद पनामा नहर को फिर से अमेरिकी नियंत्रण में लेने का ऐलान किया. यह नहर1999 से पनामा के अधिकार में है. पनामा नहर चीन के लिए महत्वपूर्ण बन चुकी थी. चीन ने नहर के पास दो बड़े बंदरगाह बना लिए थे, जिससे उसका व्यापारिक प्रभाव बढ़ा. डोनाल्ड ट्रंप की इस घोषणा से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ सख्ती
पाकिस्तान को डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी आतंकवाद विरोधी नीति ने हिला दिया है. ट्रंप ने अपने संबोधन में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प दोहराया. अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डलवाकर कड़ा संदेश दिया था. इस बार भी उन्होंने आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया है, जिससे पाकिस्तान की परेशानी बढ़ गई है.
भारत ने ट्रंप को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को उनके शपथ ग्रहण पर बधाई देते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद जताई. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर बधाई. हम दोनों देशों के हित और बेहतर भविष्य के लिए साथ काम करेंगे.”
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चीन और पाकिस्तान के लिए क्यों है यह बड़ी चुनौती?
- पनामा नहर: अमेरिका का नियंत्रण बढ़ने से चीन के व्यापार पर असर पड़ सकता है.
- आतंकवाद पर सख्ती: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही कमजोर है और आतंकवाद पर कार्रवाई से उसकी स्थिति और खराब हो सकती है.
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