Stock Market: शेयर बाजार में हल्की बढ़त, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बना दबाव

Stock Market :बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों ने हल्की बढ़त के साथ शुरुआत की, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते उतार-चढ़ाव बना हुआ है. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीद और आगामी अर्निंग सीजन बाजार की दिशा तय करेंगे. एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख देखा गया.

By Abhishek Pandey | July 2, 2025 9:48 AM
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Stock Market: बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों ने हल्की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की. Nifty 50 इंडेक्स 25,588.30 अंक पर खुला, जिसमें 0.18% यानी 46.50 अंकों की तेजी दर्ज की गई. वहीं, BSE Sensex ने 83,790.72 अंक पर शुरुआत की, जिसमें 93.43 अंक यानी 0.11% की बढ़त रही.

ट्रेड डील की उम्मीदें बनी समर्थन का कारण

इस बढ़त के पीछे भारत-अमेरिका संभावित व्यापार समझौते की सकारात्मक उम्मीदें एक बड़ा कारण रहीं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि दोनों देशों के बीच कम टैरिफ के साथ एक व्यापार समझौता जल्द हो सकता है, जिससे प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी.

एफपीआई निकासी से बना रहेगा दबाव

बैंकिंग और शेयर बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने ANI को बताया कि अमेरिका में जुलाई की शुरुआत में टेक शेयरों में हल्की बिकवाली देखी गई है. एशियाई बाजारों में भी टैरिफ को लेकर चिंताओं के चलते कमजोरी है. “भारतीय बाजारों में दो दिनों से लगातार FPI (Foreign Portfolio Investor) निकासी हो रही है, जो बाजार को सीमित दायरे में बनाए हुए है, जबकि मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति, नीति स्थिरता, मौद्रिक ढील और राजकोषीय अनुशासन जैसे सकारात्मक संकेत मौजूद हैं,” उन्होंने कहा. उनका मानना है कि आगामी कॉरपोरेट अर्निंग सीजन ही बाजार की अगली दिशा तय करेगा.

फेडरल रिजर्व सतर्क, ट्रंप कर रहे दर कटौती की मांग

अमेरिका में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने हाल ही में कहा कि ब्याज दरों में कटौती को लेकर फिलहाल सतर्क रवैया अपनाया जाएगा और टैरिफ के महंगाई पर असर को समझने के बाद ही फैसला लिया जाएगा. यह रुख ट्रंप के रवैये से विपरीत है, जो बार-बार तुरंत और गहरी दर कटौती की मांग कर रहे हैं. इस बीच, अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति ट्रंप का टैक्स और खर्च बिल संकीर्ण अंतर से पास कर दिया है, जिसमें टैक्स में कटौती, सामाजिक योजनाओं में कटौती और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी शामिल है.

सोने की कीमतों में गिरावट, डॉलर में कमजोरी

मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्च विश्लेषक मानव मोदी के अनुसार, अमेरिकी पेरोल डेटा के इंतजार और फेड के रुख के कारण सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई है. हालांकि डॉलर की कमजोरी ने इस गिरावट को सीमित कर दिया.
डॉलर इंडेक्स तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है, जिससे सोने को समर्थन मिला है.

एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख

  • एशियाई बाजारों में बुधवार को मिश्रित रुख देखने को मिला.
  • जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1% गिरा
  • दक्षिण कोरिया का KOSPI 1.2% नीचे
  • ताइवान का वेटेड इंडेक्स 0.34% गिरा
  • वहीं दूसरी ओर, हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.68% ऊपर चढ़ा और सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.38% बढ़ा

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