Success Story: 14 साल की उम्र में शादी, 15 साल में बनी मां, 34 साल में पति को छोड़ा, आज 13 बसों की मालकिन हैं नीता

Success Story: नीता के जीवन में बड़ा मोड़ तब आया जब 34 वर्ष की आयु में उनके पति ने धमकी दी, "मैं तुम्हें मार डालूंगा." उस क्षण नीता ने फैसला किया कि अब उन्हें अपने जीवन को अपने तरीके से जीना है.

By Abhishek Pandey | March 20, 2025 6:05 PM
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Success Story: भारतीय समाज में अक्सर विवाह को महिलाओं का अंतिम लक्ष्य माना जाता है, लेकिन कई महिलाओं के लिए यह एक ऐसी बेड़ी बन जाता है जो उन्हें खामोश पीड़ा, हिंसा और समाज के डरावने फैसलों में जकड़ देती है. दुख की बात यह है कि इस बंधन को तोड़ पाना आसान नहीं होता. समाज की बदनामी का डर, आर्थिक असुरक्षा और बच्चों के भविष्य की चिंता कई महिलाओं को न चाहते हुए भी असफल और कष्टदायक रिश्तों में बांधे रखती है. फिर भी कुछ महिलाएं हिम्मत जुटाकर इन हालातों से बाहर निकलती हैं और अपने लिए एक नई राह बनाती हैं. नीता ऐसी ही एक साहसी महिला हैं. नीता की शादी महज 14 साल की उम्र में हो गई थी, और 15 की होते-होते वह मां बन गई थी. उसकी जिंदगी संघर्षों से भरी थी. अपने तीन बच्चों की खातिर उसने सालों तक एक हिंसक रिश्ते को सहा. हर बार जब उसका पति ताना मारता, “तू कुछ नहीं कर सकती,” तो नीता के भीतर एक आग भड़क उठती , खुद को साबित करने का जुनून, जिसने उसे अपनी राह चुनने का हौसला दिया.

जब पति ने दी धमकी

नीता के जीवन में बड़ा मोड़ तब आया जब 34 वर्ष की आयु में उनके पति ने धमकी दी, “मैं तुम्हें मार डालूंगा.” उस क्षण नीता ने फैसला किया कि अब उन्हें अपने जीवन को अपने तरीके से जीना है. अपने तीन बच्चों को लेकर उन्होंने उस पीड़ा भरे जीवन को छोड़ने का साहस दिखाया.

संघर्ष से सफलता तक का सफर

नीता ने विषम परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी. उन्होंने अपनी स्कूटर चलाने की क्षमता को व्यवसाय में बदलने का फैसला किया और स्कूल के बच्चों को लाने-ले जाने का काम शुरू किया. हालांकि, सफलता की राह आसान नहीं थी. उनके उद्योग के पुरुष सहकर्मियों ने उन्हें खतरा मानते हुए उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा और उनके पति को भी उनके विरुद्ध भड़काया. जब उनके पति ने कहा, “मैं तुम्हें मार डालूंगा,” तब नीता ने साहस दिखाते हुए अपने तीन बच्चों को लेकर उस जीवन से अलग होने का निर्णय लिया. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई भी शुरू की और अपने बच्चों के साथ खुद को शिक्षित किया.

आज 13 बसों की मालकिन हैं नीता

नीता के संघर्ष और मेहनत का फल आठ साल बाद मिला. आज वे 13 बसों की मालकिन हैं. उनकी बेटियां आत्मनिर्भर बन गई हैं और उनका बेटा कनाडा में सफल जीवन व्यतीत कर रहा है. है. नीता की प्रेरणादायक कहानी सुनकर इंटरनेट पर कई लोग भावुक हो गए. लोगों ने उनकी अदम्य हिम्मत और दृढ़ संकल्प की सराहना की. कईयों ने उनकी आँखों में छुपी ताकत को महसूस किया.

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