स्विस बैंकों में भारतीयों के कितने पैसे जमा हैं? सरकार ने बताई सच्चाई, सुनकर उड़ जाएंगे होश

Swiss Bank में भारतीयों के जमा पैसों को लेकर सरकार ने सफाई दी है. AEOI के तहत स्विट्जरलैंड से हर साल जानकारी मिलती है. इस बार 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की आय सामने आई. टैक्स चोरी पर सख्ती जारी है.

By Abhishek Pandey | June 21, 2025 7:13 AM
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Swiss Bank: हाल ही में आई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारतीय संस्थाओं द्वारा स्विस बैंक खातों में जमा रकम में इजाफा हुआ है. इन खबरों पर शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी किया. मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार विदेशी टैक्स चोरी रोकने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के जरिये इस दिशा में काम कर रही है.

AEOI के तहत मिल रही है सालाना जानकारी

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, टैक्स चोरी को रोकने के लिए अलग-अलग देशों के टैक्स विभाग आपस में सूचनाएं साझा कर रहे हैं. इस कड़ी में भारत और स्विट्जरलैंड के बीच भी ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इनफॉर्मेशन (AEOI) समझौता लागू है. इसके तहत साल 2018 से स्विस बैंक खातों की जानकारी भारतीय एजेंसियों को मिलनी शुरू हुई थी. पहली बार सितंबर 2019 में डेटा ट्रांसफर हुआ था और उसके बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है. इस डेटा में उन खातों की जानकारी भी शामिल होती है, जिन पर किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी का शक होता है.

Swiss Bank: CBDT कर रहा है नियमित समीक्षा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) इस डेटा की गहन समीक्षा करता है. इसके आधार पर उन टैक्सपेयर्स की पहचान की जाती है, जिनके मामलों में आगे जांच की जरूरत है. इसके लिए सर्च और सर्वे जैसी कार्रवाइयां भी की जाती हैं.

आईटीआर की पड़ताल में सामने आए बड़े आंकड़े

मंत्रालय के अनुसार, असेसमेंट ईयर (AY) 2024-25 के लिए CBDT ने AEOI डेटा को टैक्सपेयर्स द्वारा फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न्स (ITRs) में दर्शाए गए विदेशी संपत्तियों और आय के डेटा से मिलान किया. इसमें स्विट्जरलैंड समेत सभी विदेशी न्यायक्षेत्र शामिल हैं. जिन टैक्सपेयर्स ने अपने ITR में विदेशी संपत्ति या आय की जानकारी सही तरीके से नहीं दी थी, उन्हें एसएमएस और ईमेल भेजकर अलर्ट किया गया. इन्हें सलाह दी गई कि वे अपनी फाइलिंग दोबारा जांचें.

इस अभियान के बाद 24,678 टैक्सपेयर्स ने अपने रिटर्न की समीक्षा की और 5,483 टैक्सपेयर्स ने विलंबित रिटर्न (Belated Returns) फाइल की. इन रिटर्न्स में कुल 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्तियां और 1,089.88 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी आय का खुलासा हुआ. मंत्रालय ने कहा है कि जो टैक्सपेयर्स अब भी जवाब नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ मौजूदा कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

45 फीसदी बढ़ी विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग

इस पहल के चलते टैक्सपेयर्स के बीच विदेशी संपत्ति और आय की रिपोर्टिंग में भारी इजाफा हुआ है. AY 2024-25 में कुल 2.31 लाख टैक्सपेयर्स ने विदेशी संपत्तियां और आय घोषित की हैं, जो पिछले साल (AY 2023-24) के 1.59 लाख टैक्सपेयर्स की तुलना में 45.17 फीसदी ज्यादा है.

जागरूकता मुहिम से आ रहा बदलाव

मंत्रालय का कहना है कि यह सकारात्मक बदलाव सरकार की लगातार चल रही जागरूकता मुहिम और डेटा-ड्रिवन अप्रोच का नतीजा है. इससे टैक्सपेयर्स स्वेच्छा से विदेशी संपत्तियों और आय की सही जानकारी देने लगे हैं. सरकार ने दोहराया है कि विदेशी आय और संपत्ति की गलत या अधूरी रिपोर्टिंग के मामलों में कानून के तहत जरूरी कार्रवाई की जाएगी. टैक्स चोरी रोकने की इस लड़ाई में सरकार की सख्ती आगे भी जारी रहेगी.

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