अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ से चीन को होगा भारी नुकसान, जीडीपी में होगी 2-2.5% तक गिरावट

Tariff War: अमेरिका की ओर से चीन पर लगाए गए 34% रेसिप्रोकल टैरिफ से उसकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे चीन की GDP में 2 से 2.5% तक की गिरावट हो सकती है. यह कदम चीन की पहले से सुस्त अर्थव्यवस्था पर और दबाव डालेगा और वैश्विक व्यापार पर भी असर डाल सकता है.

By KumarVishwat Sen | April 7, 2025 5:51 PM
an image

Tariff War: अमेरिका की ओर से चीन पर लगाए गए 34% जवाबी शुल्क (Reciprocal Tariff) से उसकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका के इस जवाबी शुल्क से चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2-2.5% तक गिरावट आ सकती है. इसस सुस्ती से जूझ रही चीन की अर्थव्यवस्था और अधिक प्रभावित होगी.

चीन की सुस्त अर्थव्यवस्था पर बढ़ेगा दबाव

मैक्वेरी इन्वेस्टमेंट बैंक के प्रमुख चीन अर्थशास्त्री लैरी हू के अनुसार, इस निर्णय से चीन के निर्यात में 15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जिससे GDP वृद्धि दर 2-2.5% तक कम हो सकती है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (South China Morning Post) में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का यह जवाबी शुल्क (Reciprocal Tariff) चीन की पहले से ही सुस्त अर्थव्यवस्था पर और दबाव डालेगा. मांग में गिरावट, वैश्विक मंदी की आशंका और निर्यात पुनर्निर्देशन जैसे कारक इसके मुख्य प्रभाव हो सकते हैं.

अमेरिका में 54% पहुंच गया चीन का आयात शुल्क

चीन ने साल 2025 के लिए 5% GDP ग्रोथ का लक्ष्य रखा है, जबकि घरेलू खपत में कमजोरी और रियल एस्टेट सेक्टर में संकट जैसी समस्याएं पहले से ही अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही हैं. इस बीच, अमेरिका की ओर से लगाए गए नए 34% टैरिफ से चीन पर कुल आयात शुल्क 54% तक पहुंच गया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी चीन पर बढ़ाए थे आयात शुल्क

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीन पर शुल्क लगाए थे, जिन्हें जो बाइडन सरकार ने भी जारी रखा. अब ट्रंप की ओर से चीन पर फेंटेनाइल की कच्ची सामग्री रोकने में असफलता का आरोप लगाते हुए एक बार फिर यह ट्रेड वॉर 2025 तेज हो गया है.

इसे भी पढ़ें: ट्रंप के टैरिफ से जोरदार तरीके से टूटा शेयर बाजार, 2020 में हुई थी बड़ी गिरावट

चीन ने भी अमेरिका को दिया जवाब

चीन ने भी अमेरिका को जवाब देते हुए कृषि उत्पादों पर 34% शुल्क लगाया है, जिससे अमेरिकी किसान प्रभावित होंगे. 2024 में चीन ने अमेरिका को 438 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जबकि अमेरिका से उसका आयात 143 अरब डॉलर रहा था. इस आर्थिक टकराव का असर सिर्फ चीन या अमेरिका पर नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार और निवेश पर भी पड़ सकता है.

इसे भी पढ़ें: 50 रुपये महंगा हो गया एलपीजी सिलेंडर, उज्ज्वला कनेक्शन पर भी बढ़ेगा दाम

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version